डॉ. अग्रवाल ने दिया नौकरी से इस्तीफा, एक साल में तीन डॉक्टर शासकीय नौकरी छोडक़र जा चुके
उज्जैन, अग्निपथ। बड़ी विडंबना है कि शासकीय डॉक्टर्स का रुझान निजी प्रेक्टिस में अधिक होने से वे शासकीय नौकरी छोडक़र जा रहे हैं। ऐसे में विषय विशेषज्ञ डॉक्टर्स की कमी लगातार स्वास्थ्य विभाग में होती जा रही है। अब मानसिक रोग विभाग में पदस्थ डॉ. विनीत अग्रवाल ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया है।
जिला अस्पताल का मेडिसीन विभाग पहले ही एक डॉक्टर के भरोसे चल रहा है। पिछले 10 वर्षों से जिला अस्पताल के मानसिक रोग विभाग की ड्यूटी डॉ. विनीत अग्रवाल संभाल रहे थे। वह संविदा डॉक्टर के पद पर पदस्थ थे। लेकिन किसी कारणवश उन्होंने शासकीय नौकरी छोडऩे का मन बना लिया। उन्होंने शासकीय नौकरी से इ्रस्तीफा दे दिया है।
अब शहर के शासकीय अस्पताल में केवल एक ही मानसिक रोग विभाग का डॉक्टर रह गया है। जिला अस्पताल के आरएमओ डॉ. नीतराज गौड़ भी मानसिक बीमारी के डॉक्टर हैं। इनके अलावा जेल के कैदियों, बाल संप्रेषण गृह, बालक बालिका छात्रावास, स्कूल स्वास्थ्य और अन्य स्वास्थ्य परीक्षण का कार्य डॉ. राकेश मीणा देख रहे हैं।
मानसिक रोग विभाग के डॉक्टर अग्रवाल के नौकरी छोडक़र चले जाने से अब जिला अस्पताल के इस विभाग को देखने का पूरा दारोमदार डॉ. गौड़ पर आ जायेगा।
एक साल में तीन का इस्तीफा
शासकीय नौकरी से किस तरह से डॉक्टर्स का मोह भंग हो रहा है। इसकी बानगी इस तरह से देखने को मिलती है कि मानसिक रोग विभाग के एक साल में तीन डॉक्टर अपनी नौकरी छोडक़र जा चुके हैं। करीब छह माह पहले डॉ. मानसी जैन ने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था। इसके बाद चार माह पहले डॉ. पुलकित पांडे ने शासकीय नौकरी छोड़ दी। मेडिसीन के डॉक्टर दिव्येश लाड ने भी हाल ही में नौकरी से त्याग पत्र दिया है।
मानसिक रोग की तरह मेडिसीन में भी टोटे
जिला अस्पताल में मेडिसीन विभाग की भी हालत मानसिक रोग विभाग की ही तरह है। हालांकि मानसिक रोग विभाग से ज्यादा जरूरत मेडिसीन के डॉक्टर की रहती है। क्योंकि सामान्य मरीजों का इलाज गोली दवाइयों से मेडिसीन का डॉक्टर ही करता है। जिला अस्पताल में केवल एक ही संविदा डॉक्टर अजय निगम पदस्थ हैं।
मेडिसीन के डॉक्टर की कमी को पूरा करने के लिये माधव नगर अस्पताल में पदस्थ डॉ. एचपी सोनानिया की अतिरिक्त मदद ली जा रही है। उनको माधव नगर अस्पताल के साथ साथ जिला अस्पताल में भी मरीजों के उपचार के लिये आना पड़ रहा है।