महाकाल मंदिर में निर्माण कार्यों की धीमी गति दर्शनार्थियों के लिए खड़ी कर रही परेशानी
उज्जैन, अग्निपथ। शिखर दर्शनम् पाप नाशनम् अर्थात मंदिर के शिखर दर्शन मात्र से ही पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसी भावना के साथ रोज हजारों लोग श्री महाकालेश्वर मंदिर के शिखर दर्शन करने के बाद ही अपना दैनिक कर्म शुरू करते हैं। ऐसे दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए महाकाल मंदिर समिति ने शिखर दर्शन योजना तैयार की थी। योजना का लोकार्पण छह महीने पहले हो चुका है लेकिन काम आज अधूरा है।
महाकालेश्वर मंदिर के शहनाई द्वार के आसपास ऊपर गार्डन से शिखर दर्शन कराने की योजना मंदिर ने बनाई थी। महाकालेश्वर मंदिर शिखर दर्शन पाइंट 22.83 करोड़ के खर्च से तैयार किया जा रहा है। शिखर दर्शन और कोटितीर्थ कुंड के आसपास का निर्माण कार्य किया जा रहा है। साथ ही आपातकालीन प्रवेश व निर्गम मार्ग भी तैयार किए जा रहे हैं।
योजना के मुताबिक शिखर दर्शन करने वालों के लिए गार्डन व लैंड स्केपिंग, लाइव दर्शन एलईडी, पुलिस चौकी आदि बनाना थी। वहीं शिखर दर्शन के नीचे के हिस्से में 5000 लोगों के लिए होल्ड अप एरिया विश्राम स्थल, वाशरूम,वॉटर रूम, पीने के पानी के नल कैफेटेरिया, बेबी फीडिंग रूम और प्रशासनिक कंट्रोल रूम बनाना तय हुआ था।
करीब चार साल पहले योजना ने अंतिम रूप लिया था और दावा किया गया था कि दो साल में योजना को अंतिम रूप देना था। लेकिन काम की धीमी गति के कारण योजना आज भी पूरी नहीं हो पाई है।
प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधानसभा चुनाव के पहले 5 अक्टूबर 2023 को योजना का लोकार्पण भी कर चुके हैं, जबकि काम आज भी पूरा नहीं हुआ है। जिस गति से काम चल रहा है उसे देखकर लगता है कि अगले दो-चार महीने और काम चलता रहेगा।
अधूरे काम से परेशानी
- यहां पर पड़ी निर्माण सामग्री दर्शनार्थियों को परेशान कर रही है।
- शिखर दर्शन के नीचे वाले हिस्से में निर्माण कार्य के कारण लंबे समय से बड़े गणेश की ओर से महाकाल आने वाले दर्शनार्थी परेशान हो रहे हैं।