उज्जैन,अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय में शुक्रवार को हुई घटना से शैक्षणिक जगत शर्मसार होने के बाद एमबीए के विभागाध्यक्ष डीडी बेदिया ने विभागाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इसके पूर्व छात्र संगठनों ने जमकर हंगामा किया और इस घटना में शामिल दोनों प्रोफेसरों को बर्खास्त करने की मांग करते हुए एनएसयूआई ने तो कुलपति को डंडा और कलम भेंट की और मांग कि है कि या तो डंडे उन्हें लडऩे के लिए दे दिए जाएं या फिर कलम से दोनों को बर्खास्त करें। परिषद कार्यकर्ताओं ने भी इस घटना से कलंकित हुए विश्वविद्यालय परिसर का क्षिप्रा के जल से शुद्धिकरण किया।
विक्रम विश्वविद्यालय में एमबीए विभागाध्यक्ष डीडी बेदिया एवं पूर्व विभागाध्यक्ष कामरान सुल्तान के बीच शुक्रवार को हुई घटना ने पूरे शैक्षणिक जगत को शर्मसार कर दिया। इस घटना के बाद छात्र संगठन भी इस घटना को लेकर काफी आक्रोशित और उत्तेजित नजर आए। शुक्रवार को इस घटना को लेकर छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय परिसर में जमकर नारेबाजी की। घटना में शामिल दोनों प्रोफेसरों को लेकर कुलपति प्रोफेसर पांडे को एनएसयूआई ने दो डंडे और कलम भेंट करते हुए दोनों को बर्खास्त करने की मांग की।
एनएसयूआई के अंबर माथुर, संचित शर्मा, प्रीतेश शर्मा, बबलू खींची आदि कार्यकर्ताओं ने कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडे को साफ कहा कि दोनों को एक एक डंडा दे दें ताकि वह आपस में लड़ लें या फिर इस कलम से दोनों को बर्खास्त किया जाए।
इस पर कुलपति ने कहा है कि विभागाध्यक्ष पद से बेदिया ने इस्तीफा दे दिया है। कार्यकर्ताओं ने कहा कि वह इंजीनियरिंग संस्थान में निर्देशक पद पर बने हुए। इस पर कुलपति ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। इधर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भी इस घटना में कार्रवाई की मांग को लेकर पीछे नहीं रहा। उन्होंने ने भी प्राध्यापकों के मध्य हुए खूनी संघर्ष के विरोध में एक प्रतिनिधिमंडल कुलपति से मिला ओर कहा कि दोनों प्राध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
साथ ही छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर को क्षिप्रा के जल से शुद्धिकरण किया गया। परिषद कार्यकर्ताओं का कहना था कि अनुशासनहीनता प्राध्यापकों द्वारा की गई है। जिसके लिये सिर्फ अनुशासनात्मक कार्रवाई ही काफी नहीं है, इसलिये परिषद ने क्षिप्रा के जल से शुद्धि की तथा सदबुद्धि का पाठ भी किया। कुलपति ने किसी भेदभाव के दोनों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। इस मौके पर परिषद के महानगर मंत्री राघव शर्मा तथा अन्य परिषद के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद थे।
इंजीनयरिंग संस्थान से भी हटाया
इस घटना के ले प्रमुख रूप से जिम्मेदार डीडी बेदिया ने छात्रों के हंगामे के पूर्व दिन में एमबीए के विभागाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद शाम होते होते कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडे ने बेदिया को इंजीनियरिंग संस्थान के निदेशक पद से भी हटा दिया है।