नलखेड़ा, (राजेश कश्यप) अग्निपथ। क्षेत्र के ग्राम गोंदलमऊ में स्थित शिवालय के शिवलिंग में एक बार अभिषेक करने पर 1 हजार 111 शिवलिंगों के अभिषेक का विशेष फल मिलता है। महाशिवरात्रि के पर्व पर इस चमत्कारी मंदिर का विशेष महत्व है।
दरअसल, गोंदलमऊ के इस गुप्तकालीन प्राचीन मंदिर में विराजित शिवलिंग की खासियत यह है कि इस पर 1 हजार 111 शिवलिंग की आकृतियां उभरी हुई है। जिस पर एक बार अभिषेक करने पर शिवजी के 1111 अभिषेक करने का फल मिलता है। उक्त शिव मंदिर में कई चमत्कार हो चुके हैं। जो आज भी ग्रामीणों की जुबान पर हैं।
नगर से करीब 16 किलोमीटर दूर ग्राम गोंदलमऊ में स्थित गुप्तकालीन मंदिर में महाशिवरात्रि पर यहां श्रद्धालुओं का मेला लगता है। आसपास के ग्रामों से हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन पूजन करने आते हैं। मंदिर के पास ही एक प्राचीन बावड़ी भी है मंदिर के पास ही स्थित एक तालाब है जो 350 बीघा जमीन पर फैला हुआ है। पानी से लबालब तालाब और शिवालय में दर्शन से यहां आने वाले हर श्रद्धालु को आत्मशांति की अनुभूति होती है।
शिवरात्रि पर सफेद नाग आते हैं दर्शन को
ग्राम गोंदलमऊ के निवासी मांगीलाल भालोट व पूर्व सरपंच विट्टलप्रसाद पाटीदार तथा पवन भालोट ने बताया कि महाशिवरात्रि के अवसर पर रात्रि में आज भी एक सफेद नाग मंदिर में आते हैं। नाग शिवलिंग पर लिपट जाते हैं और अपनी साधना पूर्ण कर अदृश्य हो जाते हैं। इन नाग देवता के दर्शन किसी किसी को होते हैं।
प्रदेश में एकमात्र शिवलिंग
दावा है कि संपूर्ण मध्यप्रदेश में यह एक मात्र ऐसा शिवलिंग है जिस पर 1 हजार 111 शिवलिंग की आकृतियां उभरी हुई है। यह शिवलिंग लाल पत्थर से बना हुआ है। इसी प्रकार का एक शिवलिंग राजस्थान प्रांत में चंद्रभागा नदी के किनारे स्थित है।
कई दंपतियों को मिला है वरदान
मंदिर के पुजारी बाबूलाल नागर ने बताया कि इस शिवलिंग पर अभिषेक करने पर 1111 अभिषेक करने का फल मिलता है। उन्होंने बताया कि यहां पूजन-अभिषेक से कई निसंतान दंपतियों को संतान की प्राप्ति हुई है। यहां श्रद्धालु जो भी मन्नत करता है उसकी हर मन्नत पूरी होती हैं
प्राचीन है ग्राम गोंदलमऊ
ग्राम गोंदलमऊ ऊंची पहाड़ी पर बसा हुआ है जिसका इतिहास काफी पुराना है। किवदंतियों के अनुसार यहां पुराने समय में तीर्थ स्थल रहा होगा जो धूलकोट आने के कारण दब गया होगा। इसी कारण यहां खुदाई के दौरान पुरातन अवशेष निकलते रहते हैं। कुछ वर्ष पूर्व एक स्थान पर खुदाई के दौरान जैन धर्म की प्राचीन मूर्तियों के अवशेष निकले थे। जो आज भी उज्जैन के जयसिंहपुरा में जैन समाज के संग्रहालय में सुरक्षित हैं। यदि यहां पुरातत्व विभाग खुदाई करे तो और भी कहीं प्राचीन जानकारियां मिल सकती हैं।