डॉ. अग्रवाल के नौकरी से इस्तीफा देने से हो गया था पद खाली
उज्जैन, अग्निपथ। जिला अस्पताल के मानसिक रोग विभाग में डॉक्टर के पद की पूर्ति कर दी गई है। बुधवार को यहां पर दूसरे डॉक्टर की पदस्थापना की गई है। दैनिक अग्निपथ के 5 मार्च के अंक में …शासकीय नौकरी से मोहभंग….जिला अस्पताल का मानसिक रोग विभाग अब रामभरोसे शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसका असर यह रहा कि दूसरे ही दिन 6 मार्च को यहां पर दूसरे डॉक्टर को पदस्थ कर दिया गया।
पिछले 10 वर्षों से जिला अस्पताल के मानसिक रोग विभाग की ड्यूटी डॉ. विनीत अग्रवाल संभाल रहे थे। वह संविदा डॉक्टर के पद पर पदस्थ थे। लेकिन किसी कारणवश उन्होंने शासकीय नौकरी छोडऩे का मन बना लिया। उन्होंने शासकीय नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। अब शहर के शासकीय अस्पताल में केवल एक ही मानसिक रोग विभाग का डॉक्टर रह गया है। जिला अस्पताल के आरएमओ डॉ. नीतराज गौड़ भी मानसिक बीमारी के डॉक्टर हैं।
इनके अलावा जेल के कैदियों, बाल संप्रेषण गृह, बालक बालिका छात्रावास, स्कूल स्वास्थ्य और अन्य स्वास्थ्य परीक्षण का कार्य डॉ. राकेश मीणा देख रहे हैं। मानसिक रोग विभाग के डॉक्टर अग्रवाल के नौकरी छोडक़र चले जाने से अब जिला अस्पताल के इस विभाग को देखने का पूरा दारोमदार डॉ. गौड़ पर आ जायेगा। इसी को देखते हुए डॉ. राकेश मीणा को जिला अस्पताल के मानसिक रोग विभाग में पदस्थ कर दिया गया है।
जेल में मानसिक रोगी अधिक
जिला अस्पताल में डॉ. राकेश मीणा को जेल की ड्यूटी से हटाकर पदस्थ तो कर दिया गया है। लेकिन जेल की ड्यूटी अब कौन संभालेगा। यदि सप्ताह में एक दिन भी डॉ. मीणा जेल में कैदियों की मानसिक स्थिति देखने जाते तब भी यहां पर प्रतिदिन मानसिक रोगियों को डॉक्टर की जरूरत रहेगी। जिला अस्पताल से ज्यादा जेल में मानसिक रोग के डॉक्टर की आवश्यकता ज्यादा है।