मरीज को लगाये जाते हैं अस्थाई इलेक्ट्रोड्स, इसी से काउंट होगी दिल की धडक़न
उज्जैन, अग्निपथ। जिला अस्पताल में आई दिल की फिटनेस चैक करने वाली टीएमटी मशीन को औपचारिक तौर पर शुरू तो कर दिया गया है। लेकिन अभी तक इस मशीन को आम मरीजों के लिये शुरू नहीं किया जा सका है। भागदौड़ भरी लाइफ और असंतुलित आहार की वजह से मानव शरीर पर नॉन क युनिकेबल डिसीज या गैर संक्रमित बीमारियों का बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इन्हीं बीमारियों में से एक है दिल का रोग।
अत्यधिक वसा और बाहरी खान-पान का सेवन करने के बाद इन्हें पचाने के लिए शरीर से पसीना बहाने वाली एक्सराइज न करना हार्ट अटैक का मु य कारण बनता है। ऐसे में आपका दिल कितना फिट है, यह जानने के लिए जिला अस्पताल में टीएमटी यानी ट्रेडमिल टेस्ट मशीन लगाई है।
फिलहाल मशीन तो आ गई है, लेकिन इसका संचालन अभी तक शुरू नहीं किया जा सका है। इसका मु य कारण इलेक्ट्रोड्स का ना होना सामने आया है। जिला अस्पताल प्रबंधन ने अभी इन इलेक्ट्रोड्स को खरीदा नहीं है। किस बजट से इन इलेक्ट्रोड्स को खरीदा जाय, इसी पर मंथन चल रहा है। हाल ही में सीएमएचओ डॉ. दीपक पिप्पल ने टीएमटी मशीन का निरीक्षण किया और जवाबदारों से इसका संचालन शुरू नहीं करने के पीछे का कारण जाना।
बताया जाता है कि मरीजों की छाती पर अस्थाई इलेक्ट्रोड्स चिपकाये जाते हैं। इनकी सहायता से ही मरीज के दिल की हरकत क प्यूटर में दर्ज होती है। क प्यूटर का डॉटा देखकर डॉक्टर तय कर लेता है कि मरीज का दिल कितना दुरुस्त है। ज्ञात रहे कि एक मरीज को 5-7 इलेक्ट्रोड्स लगाये जाते हैं, जिनका इस्तेमाल दूसरी बार नहीं किया जा सकता। सीएमएचओ डॉ. पिप्पल ने पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद जिला अस्पताल प्रबंधन को इलेक्ट्रोड्स खरीदने के निर्देश दिये हैं।
टीएमटी मशीन का कार्य
जिला अस्पताल के डॉ. जितेन्द्र शर्मा ने बताया कि दिल की फिटनेस जानने के लिए ईसीजी और ईको टेस्ट भी होता है। टीएमटी यानी ट्रेडमिल टेस्ट के जरिए मशीन पर मरीज को दौड़ाकर उसके दिल पर दबाव दिया जाता है। इससे उसका स्टेमिना भी पता चलता है और हार्ट पंप कितनी तेजी से काम कर रहे हैं या धडक़न का पता चलता है। इसकी रिपोर्ट से पता लगा सकते हैं कि हार्ट अटैक का कितना रिस्क है। उसके अनुसार ही ट्रीटमेंट किया जाता है।
रोगी कल्याण समिति के फंड में से आयेंगे
सीएमएचओ डॉ. पिप्पल ने बताया कि टीएमटी मशीन को शुरू करवाने को लेकर वह फिक्रमंद हैं। इस मशीन को शीघ्र शुरू करवाना उनकी वरियता लिस्ट में है। जिला अस्पताल प्रबंधन को या तो रोगी कल्याण समिति के फंड अथवा अन्य फंड के पैसों से इलेक्ट्रोड्स स्थानीय स्तर पर ही खरीदने के निर्देश प्रदान किये हैं। ज्ञात रहे कि सिविल अस्पताल में दिल रोग संबंधित इलाज के लिए प्रतिमाह 75 रोगी आते हैं। इनमें से 15 रोगी ऐसे होते हैं, जिनका ट्रेडमिल टेस्ट करना जरूरी होता है। प्राइवेट अस्पतालों में टीएमटी के लिए एक हजार या इससे अधिक देना पड़ता है।