महाकाल मंदिर: वीआईपी को गर्भगृह, आम आदमी को बेरिकेड्स

टनल ने दर्शन आसान, लेकिन महाकाल दूर, 200 फीट दूरी से एक क्षण ही निहार सके बाबा को

उज्जैन, अग्निपथ। इस बार महाशिवरात्रि पर भगवान महाकाल सिर्फ वीआईपी से घिरे रहे। दिनभर गर्भगृह में सोलाधारी वीआईपी अभिषेक-पूजन करते रहे। दूसरी ओर टनल से आये आम दर्शनार्थी 200 फीट दूरी से एक क्षण के लिए ही भगवान महाकाल को निहार सके और रवाना कर दिये गये।

महाकालेश्वर मंदिर में शुक्रवार तडक़े ढाई बजे से भगवान महाकाल दर्शन प्रारंभ हो गए थे। भस्मारती में करीब बीस हजार से अधिक लोगों ने दर्शन किये। इसके बाद से दर्शन का तांता चलता रहा। इस बार नवनिर्मित टनल से लोगों को गणेश मण्डपम तक भेजा गया। और तुरंत ही आगे की ओर निकाल दिया गया।

इस कारण मंदिर में आम दर्शनार्थियों को कतार में इंतजार नहीं करना पड़ा। आम दर्शनार्थियों को कर्कराज मंदिर के सामने से शुरू हुई कतार से महाकाल महालोक, मानसरोवर, फेसिलिटि सेंटर से होते हुए करीब दो किमी लंबे सफर के बाद महाकाल भगवान के सामने पहुंचने का मौका मिला। वहां कुछ क्षण भगवान महाकाल की झलक पाकर आगे चलता कर दिया गया।

वीआईपी और इंदौरी की एंट्री गर्भगृह तक

महाशिवरात्रि के दिन कई वीआईपी मंदिर प्रबंधन की मेहरबानी से गर्भगृह में जाकर पूजन-अभिषेक करते रहे। इन कथित वीआईपी में अफसरों के परिजन, पंडे-पुजारियों का परिवार, इंदौरी दर्शनार्थी आदि शामिल थे।

न बस मिली न फ्री पार्किंग

महाशिवरात्रि पर फ्री पार्किंग और पार्किंग से महाकाल मंदिर तक आने के लिए फ्री बस सुविधा उपलब्ध कराने का दावा जिला एवं मंदिर प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों ने किया था। अधिकारियों ने व्यवस्था तो बना दी, लेकिन उस पर नजर नहीं रखी। आम दर्शनार्थियों को पार्किंग पर बस नहीं मिली। वे पैदल ही मंदिर तक पहुंचे। दोपहर में महाकाल महालोक वाली पार्किंग पर वाहन की अवैध वसूली जारी थी। मंदिर समिति की ई-कार सिर्फ वीआईपी को लाने-ले जाने में जुटी थी।

रात 9.30 बजे तक भी मंदिर प्रशासन नहीं बता पाया दर्शनार्थियों की संख्या

श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा दावा किया जाता है कि उनके पास ऐसे केमरे हैं जिनके जरिए वे मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों की सही संख्या बता देते हैं। अभी तक मंदिर समिति द्वारा विशेष पर्व के मौकों पर हर दो-तीन घंटे में दर्शनार्थियों की संख्या बतायी जाती रही है। यह पहला मौका है जब रात 9.30 बजे तक भी मंदिर समिति दर्शनार्थियों की सही संख्या नहीं बता पाई। मंदिर समिति की पीआरओ ने सही संख्या बताने में असमर्थता जताई तो मंदिर प्रशासक संदीप सोनी हमेशा की तरह दूरी बनाये रहे।

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