नेशनल लोक अदालत में 4320 प्रकरणों का निराकरण

10 करोड़ 53 लाख रुपए से अधिक के अवार्ड पारित, उपभोक्ता फोरम न्यायालय में लंबित 23 प्रकरणों का निराकरण

उज्जैन, अग्निपथ। लोक अदालत विवाद के पक्षकारों को समझौते के आधार पर सहज एवं सुलभ न्याय दिलाने का सरल एवं नि:शुल्क माध्यम है। लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण से पक्षकारों के समय एवं धन की बचत होती है तथा आपसी भाईचारा एवं सद्भाव भी बना रहता है।

यह विचार नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ के दौरान प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री दीपेश तिवारी ने कही। जिला न्यायालय भवन के मुख्य प्रवेश द्वार पर विशेष न्यायाधीश एवं संयोजक लोक अदालत श्री सुनील कुमार, जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिविसेप्रा श्री कपिल भारद्वाज, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री चन्द्रेश मण्डलोई एवं अन्य न्यायाधीशगण ने शुभारंभ किया।

नेशनल लोक अदालत में हज़ारों की संख्या में पक्षकारगण, आम नागरिक लाभान्वित हुए। विशेषकर पारिवारिक प्रकृति के विवादों के साथ-साथ क्लेम, विद्युत चोरी, चेक बाउंस, आपराधिक एवं दीवानी प्रकरणों का काफी संख्या में निराकरण हुआ। पारिवारिक प्रकरणों में अनेक बिछड़े हुये परिवारों को मिलाया गया एवं मोटर दुर्घटना क्लेम प्रकरणों में पीडि़त व्यक्तियों को लाखों रुपए की क्षतिपूर्ति राशि के अवार्ड भी पारित हुए।

लोक अदालत में प्रीलिटिगेशन के 12908 रखे गए प्रकरणों में से 3103 प्रकरण तथा न्यायालय में लंबित 4940 रखे गए प्रकरणों में से 1217 प्रकरण निराकृत हुए। लोक अदालत में कुल 4320 प्रकरणों का निराकरण हुआ और कुल 10 करोड़ 53 लाख 14 हजार 414 रुपए की राशि के अवार्ड पारित हुए तथा 5947 पक्षकारगण लाभांवित हुए, जिसमें आपराधिक मामले 406, चेक बाउंस 250, सिविल 24, वैवाहिक प्रकरण 23, मोटर दुर्घटना के 77 क्लेम प्रकरणों में पीडि़त व्यक्तियों को रु.1 करोड़ 81 लाख 25 हजार रुपए के अवार्ड पारित हुए। इसके अतिरिक्त उपभोक्ता फोरम न्यायालय में लंबित 23 प्रकरणों का निराकरण किया जाकर 17 लाख 42 हजार 058/- के अवार्ड पारित हुए।

बिखरा परिवार फिर जुड़ा

परिवार न्यायालय में एक दंपत्ति के मध्य आपसी मनमुटाव के कारण काफी समय से विवाद चल रहा था, किंतु संतान के भविष्य को लेकर न्यायालय द्वारा समझाईश दी गई तथा दंपत्ति को उपस्थित अधिकारीगण द्वारा पुष्पमाला पहनाई गई एवं दोनों को उनके सुनहरे भविष्य की कामना करते हुए खुशी-खुशी विदा किया गया।

बिजली विभाग के प्रकरण भी निराकृत

इस लोक अदालत में विद्युत अधिनियम संबंधी विशेष न्यायाधीश (शहरी क्षेत्र) श्री संजय श्रीवास्तव द्वारा 120 एवं विद्युत अधि. विशेष न्यायाधीश (ग्रामीण क्षेत्र) सुनील कुमार शोक द्वारा 62 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिनमें काफी प्रकरण 05 साल की लंबी अवधि से न्यायालय में लंबित थे।

नगर निगम को 1 करोड़ 28 लाख सम्पत्तिकर, 23 लाख जलकर प्राप्त हुआ

शनिवार को नेशनल लोक अदालत में बड़ी संख्या में करदाताओं ने अपना बकाया सम्पत्तिकर एवं जलकर जमा कराया गया जिसमें एक करोड़ अ_ाईस लाख से अधिक सम्पत्तिकर एवं 23 लाख जलकर प्राप्त किया गया। निगम आयुक्त आशीष पाठक के मार्गदर्शन में सभी झोन कार्योलयों में नेशनल लोक अदालत अन्तर्गत सम्पत्तिकर एवं जलकर वसूली के लिए सम्पत्तिकर एवं पीएचई अमले के द्वारा बकायादारों से निरंतर सम्पर्क करते हुए उन्हे नेशलन लोक अदालत अन्तर्गत सम्पत्तिकर एवं जलकर जमा कराए जाने हेतु प्रेरित किया गया साथ ही कॉलिग करते हुए भी सम्पत्तिकर एवं जलकरदाता को उनके बकाया कर की जानकारी दी गई।

इसी का परिणाम रहा की सम्पत्तिकर में एक करोड़ अ_ाईस लाख एवं जलकर में 23 लाख की राशि प्राप्त हुई। लोक अदालत अन्तर्गत झोन कार्यालयों में आयोजित शिविर का निरीक्षण राजस्व विभाग प्रभारी एमआईसी सदस्य रजत मेहता, उपायुक्त आरती खेड़ेकर द्वारा किया गया एवं करदाताओं से चर्चा की गई। आचार संहिता लगने तक छूट मिलेगी।

लोक अदालत की विशेष झलकियां

  • वन विभाग के सहयोग से प्रकरणों में समझौता करने वाले पक्षकारों को न्याय वृक्ष प्रदान किया गया एवं आयुष विभाग के सहयोग से प्रकरणों में समझौता करने वाले पक्षकारों को अश्वगंधा का पौधा न्याय वृक्ष के रूप में प्रदान किया गया।
  • रिक्रिएट सोशल डेवलपमेंट सोसायटी के सहयोग से जिला न्यायालय भवन में ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर का शुभारंभ किया गया, जिससे न्यायालय में आने वाली धात्री महिलाओं को अपने नवजात शिशुओं/बालकों को स्तनपान कराने में परेशान नहीं होना पड़ेगा।
  • इसके साथ ही लॉयंस क्लब शिवाय के सहयोग से जिला न्यायालय भवन में स्थित प्राथमिक उपचार केंद्र में ब्लड प्रेशर इलेक्ट्रॉनिक मशीन भेंट की गई।

Next Post

चरक से बीमार बच्चों को ले जा रहे निजी अस्पताल के दलाल

Sun Mar 10 , 2024
जनवरी 2023 से फरवरी 2024 तक 130 बच्चे हुए रैफर, 212 अचानक चले गए उज्जैन, अग्निपथ। चरक अस्पताल में बच्चों व महिलाओं के लिए निजी अस्पताल जैसी सुविधाएं हंै। बावजूद यहां से मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में रैफर किए जाने का आंकड़ा कम नहीं हो रहा है। स्थिति यह हैं […]