सोनीपत। गणतंत्र दिवस की ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में बवाल के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने बड़ा फैसला लिया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने रूट बदलने वाले दो संगठनों को निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ जांच के लिए कमेटी भी बनाई गई है।
कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही यह तय होगा कि दोनों संगठनों के पदाधिकारी भटककर दूसरे रूट पर गए थे या उन्होंने खुद रूट बदला था। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने यह भी साफ किया है कि भाकियू के प्रवक्ताराकेश टिकैत ने मोर्चा से बातचीत किए बिना ही आंदोलन की रणनीति बदली और यूपी व उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं करने का फैसला लिया।
कुंडली बॉर्डर पर शनिवार शाम को पंजाब के 32 किसान संगठनों की जगह केवल 14 संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक हुई। जिसके बाद पंजाब किसान यूनियन के रूलदू सिंह मानसा, भाकियू क्रांतिकारी के दर्शनपाल, जमहूरी किसान के रघुवीर सिंह समेत अन्य ने चक्का जाम की सफलता से लेकर आंदोलन की अगली रणनीति जल्द बनाए जाने की बात कही।
वहां किसान नेताओं ने बताया कि भाकियू क्रांतिकारी सुरजीत फूल गुट के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल व आजाद किसान कमेटी के हरपाल सिंह सांगा को अभी निलंबित किया गया है। रूलदू सिंह मानसा ने बताया कि ट्रैक्टर परेड के दौरान जितने भी संगठन के लोग अन्य रूट पर गए थे, उनके खिलाफ कमेटी जांच कर रही है और इसलिए ही अभी उनको निलंबित किया गया है।
भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत के यूपी व उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं करने का फैसला लेने पर कहा कि उन दोनों प्रदेशों में हिंसा होने की आशंका के कारण यह फैसला लेने की बात कही गई है। लेकिन यह जरूर है कि किसान मोर्चा से बातचीत के बाद रणनीति बदलनी चाहिए थी और उनको लगता है कि यह फैसला जल्दबाजी में लिया गया।
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