एनएचआरएम से मैसेज के बावजूद मेडिकल बोर्ड का 34 एएनएम का परीक्षण करने से इन्कार

कहा- पहले शासकीय कॉलेज की एएनएम की करेंगे भर्ती, कर्मचारी चयन मंडल से परीक्षा पास की थी

उज्जैन, अग्निपथ। कर्मचारी चयन मंडल द्वारा एएनएम पद के लिये चयनित प्रायवेट कॉलेज से परीक्षा पास अभ्यर्थी भटक रहे हैं। उनका निर्देश देने के बाद भी मेडिकल बोर्ड से परीक्षण नहीं किया जा रहा है। जानकारी में आया है कि चरक अस्पताल में इन अभ्यर्थियों का मेडिकल करने के लिये मेडिकल बोर्ड बैठाया गया था। लेकिन जब प्रायवेट कॉलेज से डिप्लोमा लिये अ यर्थी मेडिकल करवाने पहुंचे तो उनको मना कर दिया गया। मेडिकल बोर्ड का कहना है कि पहले शासकीय कॉलेज से डिप्लोमा लिये अ यर्थियों का मेडिकल किया जायेगा।

मामला इस तरह से है

12 फरवरी 2024 को कर्मचारी चयन मंडल ने एएनएम परीक्षा के रिजल्ट घोषित किये थे। इनमें एएनएम, फार्मासिस्ट, रेडियोग्राफर और अन्य पदों को भरा जाना है। परीक्षा पास करने के बाद प्रायवेट कॉलेज से एएनएम का डिप्लोमा किये हुए अ यर्थियों के पास एनएचआरएम की ओर से इन अ यर्थियों को मैसेज किया जाता है।

जिसमें कहा जाता है कि कर्मचारी चयन मण्डल द्वारा दिनांक 12.02.2024 को जारी परिणाम के अनुसार आपका चयन प्रावधिक रूप से एएनएम के लिए किया गया है। आपकी पदस्थापना के लिए प्रावधिक रूप से उज्जैन जिले का चयन किया गया है। कृपया आपको आवंटित जिले के जिला चिकित्सालय में दस्तावेज सत्यापन तथा मेडिकल जांच के लिए दिनांक 7 से 9 मार्च 2024 के मध्य, किसी भी दिन प्रात: 9.00 बजे से सायं 5.00 बजे की अवधि में उपस्थित रहें। दस्तावेज सत्यापन तथा मेडिकल परीक्षण में योग्य पाये जाने पर आपको विधिवत नियुक्ति पत्र दिया जा सकेगा।

पहले शासकीय डिप्लोमा प्राप्त को लेंगे

दैनिक अग्निपथ संवाददाता के पास भी यह मामला पहुंचा। उनको बताया गया कि मैसेज पढऩे के बाद जब वह 7 मार्च को जब वह चरक अस्पताल में बैठी मेडिकल बोर्ड की टीम के पास पहुंचे तो उनके दस्तावेज चैक करने के लिये ले लिये गये। लेकिन परीक्षण नहीं किया गया। पूछने पर बताया गया कि पहले शासकीय कॉलेज से डिप्लोमा प्राप्त एएनएम को वरियता देते हुए उनका मेडिकल किया जायेगा। इसके बाद पद हुए तो प्रायवेट कॉलेज से डिप्लोमा किये अ यर्थियों का मेडिकल होगा।

सवाल- परीक्षा क्यों ली, मैसेज क्यों भेजे

जिस समय एएनएम पद के लिये वैकेंसी निकाली गई थी, उस फार्म में इस तरह की कोई शर्त नहीं डाली गई थी कि परीक्षा पास करने के बाद पहले शासकीय कॉलेज डिप्लोमाधारी को सिलेक्शन में वरियता दी जायेगी।

स्वास्थ्य विभाग की गलती तो देखें- प्रायवेट डिप्लोमाधारी एएनएम जोकि कर्मचारी चयन मंडल की परीक्षा पास कर चुकीं, उनको मैसेज भेजकर दस्तावेज चैक कराने और मेडिकल कराने के बाद विधिवत नियुक्ति पत्र देने की बात भी की गई है।

चरक अस्पताल से ही करीब 34 से अधिक अ यर्थियों को मैसेज होने के बाद भी बिना मेडिकल के वापस भेज दिया गया।

मामले की जानकारी के लिये सीएमएचओ उज्जैन डॉ. दीपक पिप्पल से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन किसी कारणवश संपर्क नहीं हो पाया।

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