नगाड़ा गेट को धक्का लगाने लगे दर्शनार्थी, मजबूरी में दरवाजा खोलकर प्रवेश कराया
उज्जैन,अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में रविवार को जोरदार भीड़ भगवान महाकाल के दर्शन को उमड़ी। इस दौरान प्रोटोकॉल के साथ-साथ 250 रु. टिकट धारी श्रद्धालु भी नंदीहाल में प्रवेश करते रहे। मंदिर में भीड़ इतनी अधिक थी कि शंख द्वार से लेकर महाकाल धर्मशाला तक दो लाइनें श्रद्धालुओं की चलाना पड़ीं। लाइन लंबी होने पर मैसेज देखे बगैर फ्री फॉर ऑल की तर्ज पर श्रद्धालुओं को प्रवेश कराया गया।
सुबह से ही भगवान महाकाल के दर्शन को बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। दोपहर तक शंख द्वार से लेकर महाकाल धर्मशाला तक दो कतारें लगातार चल रही थीं। भीड़ को कम करने के लिए मंदिर कर्मचारी और पुलिस कर्मी स्लाट का समय देखे बगैर श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए छोड़ते रहे। हालांकि शंख द्वार पर 250 रु. टिकटधारियों की भीड़ कुछ कम थी, लेकिन वीआईपी गेट से विश्राम धाम होते हुए गणपति मंडपम की ओर आ रहे बड़ी संख्या में श्रद्धालु सीधे ना जाते हुए प्रोटोकॉल प्राप्त श्रद्धालुओं के साथ नगाड़ा गेट पहुंच गए।
यहां पर उन्होंने गेट पर दबाव बनाना शुरू किया और इसको जोर-जोर से हिलाया। यह दृश्य देख रहे नगाड़ा गेट कर्मचारी ने गेट को खोलना ही उचित समझा और इन श्रद्धालुओं को भी नंदीहाल से दर्शन कराना पड़े। ज्ञातव्य रहे कि नंदीहाल में केवल प्रोटोकॉल और पंडे पुजारियों के यजमानों को ही प्रवेश की पात्रता है।
पहले गेट पर सुरक्षाकर्मी नहीं
वीआईपी गेट से आने वाला 250 रु. टिकट धारी श्रद्धालु विश्राम धाम से होते हुए सभामंडप में पहुंचता है। यहां से जलद्वार और फिर गणपति मंडपम की रैम्प में दर्शन के लिए प्रवेश करता है। लेकिन जलद्वार और गणपति मंडपम के बीच में नगाड़ा गेट जाने वाला रास्ता पड़ता है।
यहां से नगाड़ा गेट खोलकर प्रोटोकॉल प्राप्त श्रद्धालुओं का प्रवेश कराया जाता है। नगाड़ा गेट जाने से पहले एक गेट और पड़ता है। यहां पर कोई भी सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं रहता है। इसी का फायदा उठाकर टिकटधारिया ने प्रवेश कर नंदीहाल की व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया। नंदीहाल में इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रवेश कर रहे थे कि व्यवस्था बनाने के लिए पंडे पुजारी, मंदिर कर्मचारी, पुलिस कर्मी, सुरक्षा कर्मी, मंदिर समिति सदस्य सभी लगे हुए थे।
नंदीहाल में लगे चौतरफा बेरिकेड से दर्शन में बाधा
नंदीहाल के पीछे सामान्य श्रद्धालुओं की लाइन चलती रहती है। इनको दर्शन सही तरह से हों, इसके लिए नंदी के आसपास चौतरफा बेरिकेडिंग कर दी गई है। ताकि नंदीहाल से दर्शन करने वाले श्रद्धालु बीच में खड़े होकर दर्शन बाधित न कर सकें। लेकिन रविवार को इन बेरिकेड्स को और चौड़ा कर दिया गया था, जिससे श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल अच्छे से दिखाई नहीं दे रहे थे।
पंडे पुजारियों ने इसका विरोध तो किया लेकिन मंदिर कर्मचारियों का कहना था कि नंदी के पास बेरिकेड कर देने से श्रद्धालु नंदी को छूकर अपना पूरा भार डाल देते हैं। जिससे उनके उखडऩे की संभावना रहती है।