शासकीय चिकित्सालय महिदपुर में किया जा उपचार, मची अफरातफरी, एक शिक्षक और एक जनशिक्षक निलंबित
महिदपुर, अग्निपथ। उज्जैन के पास झारड़ा के ग्राम आमडीकटन में प्राथमिक शाला के 24 बच्चो की अचानक तबियत बिगड़ी गई। बच्चो को महिदपुर के स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के लिए भेजा गया। बताया गया कि सभी बच्चों की हालत मध्याह्न भोजन में बने कड़ी-चावल खाने के बाद से बिगड़ी थी। जिसे वही पर काम करने वाले शिक्षक की पत्नी ने बनाया था। मामले में लापरवाही बरतने को लेकर कलेक्टर नीरज सिंह ने शिक्षक को निलंबित कर दिया है।
गुरुवार को मुख्यालय से 5 किमी दूर स्थित ग्राम आमडीखेड़ा में शासकीय प्राथमिक विद्यालय के लगभग विद्यालय के 24 बच्चे मध्यान्ह भोजन करने के बाद बीमार हो गए। बच्चो को घबराहट व गले में जलन होने लगी। विद्यालय की एक महिला शिक्षिका ने जागरुकता दिखाते हुए ग्राम वासियो की मदद से वाहन से बच्चो को उपचार हेतु शासकीय चिकित्सालय महिदपुर लेकर पहुंचे । जहा बच्चो को चिकित्सा अधिकारी डॉ. महेश रामपुरे के साथ सहयोगी चिकित्सक अरुण कुशवाह द्वारा तत्काल प्राथमिक उपचार दिया गया।
साथ ही आवश्यक दवाईया भी दी गई। एक साथ 24 बच्चे बीमार होने से अस्पताल में चारो और अफरा तफरी मच गई। बड़ी संख्या में अभिभावक, सामाजिक कार्यकर्ता भी चिकित्सालय पहुंच गए, लेकिन शिक्षा विभाग का कोई भी जिम्मेदार विभागीय अधिकारी झांकने तक नहीं आए। इससे बड़ी घोर लापरवाही और क्या हो सकती है? ग्राम वासियो ने चर्चा में बताया की उक्त विद्यालय के मध्यान्ह भोजन को लेकर हमारे द्वारा अनेको बार वरिष्ठ अधिकारीगण को अवगत कराया जा चुका है। पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिसका परिणाम आज मासूम बच्चे बीमार होकर चिकित्सालय में बदल की जीवन मृत्यु से संघर्ष कर रहे है।
शासकीय चिकित्सालय के प्रभारी डॉ. महेश रामपुरे ने बताया कि फूड पाइजनींग के कारण बच्चे बीमार हुए है। हमारी टीम द्वारा जाँच उपरांत उपचार दिया गया है। साथ ही हमारी टीम द्वारा सतत निगरानी रखी जा रही है। जिससे बच्चे जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगे।
शिक्षा विभाग में घोर लापरवाही
महिदपुर के शिक्षा विभाग में घोर लापरवाही का आलम है। संकुल प्राचार्य से लेकर बीईओ, बीआरसीसी कुछ ना कुछ कार्य को लेकर गली चौराहे तक चर्चा में बने रहते ही है। संकुल प्राचार्य और बीआरसीसी की शिक्षा विभाग के नियमानुसार जिम्मेदारी बनती है कि विद्यालयो का औचक निरीक्षण कर मध्यान्ह भोजन व शिक्षा प्रणाली को चेक कर अपना अभिमत दे। पर महिदपुर में पदस्थ अधिकारी तो खानापूर्ति करने में भी लगे हुए रहते है। जब ग्रामीणजनो ने पूर्व भी शिकायत की तो बावजूद इसके आज तक कार्यवाही क्यो नही की गई, यह समझ से परे है।
जिम्मेदार अधिकारीगण नही पहुंचे चिकित्सालय
पूरे मामले का सबसे दु:खद पहलू तो यह रहा कि आज हुए घटनाक्रम को लेकर शासकीय प्राथमिक विद्यालय में विषाक्त भोजन खाने से बिमार हुए बच्चो से शिक्षा विभाग के बीआरसीसी कार्यालय महिदपुर में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी शासकीय चिकित्सालय महिदपुर में उपचाररत बच्चो का हाल जानना तो दुर झांकने तक नहीं पहुंचे। लगभग दो घंटे चिकित्सालय में हमने देखा केवल शासकीय चिकित्सकगण डॉ महेश जी रामपुरे मय स्टाफ, थाना प्रभारी श्री गुर्जर मय स्टाफ के उपस्थित थे।
साथ ही बड़ी देर बाद बीईओ मुकुट सिंह सोलंकी एक शिक्षक के साथ आए तो पूछने कहने लगे हमारा कोई जवाबदारी ही नहीं है। बीआरसी और मध्यान्ह भोजन प्रभारी जाने। ग्रामीणजनो ने मध्यान्ह भोजन को लेकर अनेक बार शिकायत की है। बावजुद इसके कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इसका मतलब है जनशिक्षक अपना कर्तव्य सही से नहीं निभा रहे है। सबंधित जनशिक्षको पर भी कार्यवाही होना चाहिए।
एक शिक्षक और एक जनशिक्षक निलंबित
समाचार लिखे जाने तक प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा संबधित विद्यालय के शिक्षक जुवानसिंह गरासिया और जनशिक्षक सत्यनारायण शर्मा को निलंबित कर दिया गया। स्वास्थ्य केंद्र के डॉ अरुण कुशवाह ने कहा कि जांच के बाद ही कुछ कह पाएंगे फूड प्वाइजनिंग लग रहा है। कुल 24 बच्चे पेट दर्द और जलन की शिकायत लेकर पहुंचे थे। बच्चे अब स्टेबल है कोई चिंता वाली बात नहीं है।