नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में जवाब दे रहे हैं। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रस्ताव पर चर्चा तीन दिनों में सदन द्वारा किया गया मुख्य कार्य है जिसमें 25 दलों के 50 सदस्यों ने भाग लिया। भाजपा ने सरकार के पक्ष को मजबूती से दिखाने के लिए अपने सदस्यों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया हुआ है। ऊपरी सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन में 15 घंटे की बहस हुई। संसद के सत्र के दौरान सत्ता और विपक्ष के बीच किसान आंदोलन और कृषि कानूनों को लेकर तीखी बहस देखी गई। शुक्रवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सरकार का पक्ष रखा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि अधिकतर लोगों ने किसान आंदोलन के बारे में बात की लेकिन किसान आंदोलन क्यों हो रहा है यह नहीं बताया। जो मूलभूत बात है अच्छा होता है यदि इस पर विस्तार से चर्चा होती। फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ा।
आर्थिक क्षेत्र में भारत की एक नई छवि बन रही है
प्रधानमंत्री ने कहा किआर्थिक क्षेत्र में आज भारत की एक नई छवि बन रही है। कोरोना काल में दुनिया के लोग निवेश के लिए तरस रहे हैं। लेकिन भारत है जहां रिकॉर्ड निवेश हो रहा है। एक तरफ निराशा का माहौल है, तो दूसरी तरफ हिंदुस्तान में आशा की किरण नजर आ रही है।
- दुर्भाग्य है कि जाने-अनजाने में हमने नेताजी की भावना को, उनके आदर्शों को भुला दिया है।उसका परिणाम है कि आज हम ही, खुद को कोसने लगे हैं। हमने अपनी युवा पीढ़ी को सिखाया नहीं कि ये देश लोकतंत्र की जननी है। हमें ये बात नई पीढ़ी को सिखानी है।
- लोकतंत्र पर जो लोक शक उठाते हैं, भारत की मूलभूत शक्ति पर जो शक उठाते हैं, उनको मैं कहूंगा कि इसे समझने का प्रयास करें। हमारा लोकतंत्र किसी भी मायने में वेस्टर्न इंस्टीट्यूशन नहीं है, ये एक ह्यूमन इंस्टीट्यूशन है। भारत का इतिहास लोकतांत्रिक संस्थानों के उदाहरणों से भरा पड़ा है।