मंदिर के कर्मचारी ने की सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत
उज्जैन,अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में नवागत सुरक्षा प्रभारी की शिकायतों का दौर लगातार चल रहा है। हाल ही में मंदिर के किसी कर्मचारी ने उनकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर की है। मामले में देखने वाली बात यह होगी कि आगे क्या होगा?
सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत नंबर- 56348110 पर मंदिर के किसी कर्मचारी ने शिकायत दर्ज कराई है कि मंदिर के सुरक्षा अधिकारी दिलीप बामनिया मंदिर के सुरक्षाकर्मियों को अपने तरीके से प्रमुख प्वाइंटों पर फिक्स किए हुए हैं। यह सुरक्षाकर्मी उनको प्रतिदिन मंदिर से पैसा कमा कर देते हैं। उन सुरक्षाकर्मियों का पॉइंट कभी चेंज नहीं होता है। उनकी शिकायत होने पर भी मंदिर प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। केवल आश्वासन दिया जाता है। 2 फरवरी को भी मंदिर के नंदीहाल, जल द्वार, चांदी द्वार और नंदीहाल रैंप गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों का पॉइंट चेंज नहीं किया गया। इसको लेकर सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की गई है।
हालांकि उक्त कर्मचारी ने सुरक्षा प्रभारी की शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर तो की है। लेकिन वास्तव में नंदीहाल, जल द्वार, चांदी द्वार और नंदीहाल रैंप गेट ऐसे पॉइंट हैं, जहां आर्थिक कमाई के स्त्रोत खुले हुए हैं। लेकिन हमारा अखबार इस बात की पुष्टि नहीं करता कि वास्तव में सुरक्षा प्रभारी द्वारा इन पॉइंट्स पर तैनात सुरक्षाकर्मियों से वसूली की जाती है।
विवादों से बचने के लिए जरूरी
इधर मंदिर के सुरक्षा प्रभारी दिलीप बामनिया ने बताया कि नंदीहाल, नंदीहाल रैंप गेट, चांदी गेट और जल द्वार पर प्रतिदिन उन्ही सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जाता है जो कि मंदिर के कर्मचारियों, मीडियाकर्मियों, नियमित श्रद्धालुओं को जानते हों। इनके पॉइंट चेंज कर दिए जाने से विवाद की स्थिति निर्मित होती है। क्योंकि नए सुरक्षाकर्मी उक्त लोगों को नहीं जानते जिसके चलते विवाद की संभावना बन सकती है। इसलिए सुरक्षाकर्मियों को स्थाई रख, इनके पॉइंट चेंज नहीं किया जाते हैं।
सुपरवाइजर ने कराए नंदीहाल से दर्शन
सोमवार को मंदिर के सुरक्षा सुपरवाइजर ठाकुर मोहित सोलंकी अपने साथ एक दंपत्ति और उनके दो बच्चों को लेकर नगाड़ा गेट से नंदीहाल में लेकर आए और दर्शन कराए। सुरक्षा सुपरवाइजर और सुरक्षाकर्मियों द्वारा इस प्रकार से श्रद्धालुओं को दर्शन करवा कर इसका आर्थिक फायदा उठाया जाता है। आखिरकार तीन माह से वेतन नहीं मिलने के बावजूद इनका उदर पोषण कैसे हो रहा है।