इंदौर के अरबिंदों अस्पताल में आरती करने वाले संजय पुजारी सहित 9 घायलों का चल रहा इलाज
उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मंदिर में धुलेंडी पर भस्मारती के दौरान आग लगने की घटना में पुजारी संजय शर्मा सहित झुलसे 12 लोगों को इंदौर के अरबिंदो हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था। रविवार को इंदौर से तीन मरीजों को भी डिस्चार्ज कर दिया गया। वहीं 9 मरीजों का अभी भी इलाज चल रहा है। इनमें से सात बर्न यूनिट में एडमिट हैं।
यहां इलाज करा रहे सभी घायलों को 25 मार्च को भर्ती किया गया था। इनमें से अधिकांश पुजारी और उनके परिवार के लोग हैं। सभी की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है। घायलों में सिर्फ मनोज शर्मा को ऑक्सीजन पर रखा गया है। घटना के दौरान आरती कर रहे पुजारी संजय शर्मा का हाथ, पैर और गला जला है। मांसपेशियों में दर्द है, लेकिन हालत ठीक है। एक अन्य सत्यनारायण सोनी भी बर्न यूनिट में हैं। वे शुगर पेशेंट है इसलिए उनके इलाज पर खास ध्यान दिया जा रहा है।
30 मार्च को मरीज कमल जोशी उम्र 44 वर्ष (गर्भ गृह निरीक्षक)को डिस्चार्ज कर दिया गया था। रविवार को सोनू पिता कैलाशचंद्र राठौर (मंदिर सेवक) और मंगल विजवा (सफाई) को डिस्चार्ज कर दिया गया। ये सभी 5-10 प्रतिशत जले थे। दो मरीज रमेश पिता रघुनाथ जी (60) मंदिर सेवक और पुरोहित पुत्र अंश शर्मा उम्र 12 वर्ष वार्ड में एडमिट हैं। इन्हें भी जल्द डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
अस्पताल में भर्ती मरीजों का यह है हाल
- मनोज पिता घनश्याम शर्मा (43 वर्ष ), पुजारी पुत्र, 30 से 35 प्रतिशत जले थे। अब हाथ-पैर और पीठ झुलसी थी। अभी बर्न यूनिट में भर्ती हैं। मांस पेशियों में दर्द है। ऑक्सीजन पर रखा गया है।
- संजय पिता गणेश शर्मा (50 वर्ष), मुख्य पुजारी हैं। घटना के वक्त आरती कर रहे थे। हाथ-पैर, गाल 30-35 प्रतिशत झुलसे थे। अभी बर्न यूनिट में हैं और मांस पेशियों में दर्द की शिकायत है।
- शुभम पिता कांतिलाल जोशी (21 वर्ष ), मंदिर सेवक हाथ-पैर व पीठ 30-35 प्रतिशत झुलसा है। अभी बर्न यूनिट में भर्ती हैं और मांस पेशियों में दर्द है।
- आनंद पिता सुनील (35 वर्ष) मंदिर सेवक, हाथ-पैर और पीठ 30-35 प्रतिशत झुलसी है। बर्न यूनिट में भर्ती है और मांस पेशियों में दर्द की शिकायत है।
- विकास पिता घनश्याम शर्मा (40 वर्ष) पुजारी प्रतिनिधि, हाथ-पेट और गला 30 प्रतिशत झुलसा है। बर्न यूनिट में भर्ती हैं। मांस पेशियों में दर्द है।
- सत्यनारायण पिता लक्ष्मण जी सोनी (79 वर्ष) मंदिर में सेवक, दोनों पैर, हाथ, गला व पेट करीब 40-45 प्रतिशत झुलसा है। शुगर पैसेंट हैं इस कारण इन पर विशेष ध्यान। बर्न यूनिट में भर्ती हैं और मांस पेशियों में दर्द की शिकायत है।
- चिंतामन पिता भागीरथ गेहलोत (६५ वर्ष), मंदिर में सेवक हाथ-पैर, पीठ करीब 30-35 प्रतिशत झुलसे हैं। अभी बर्न यूनिट में हैं और मांस पेशियों में दर्द की तकलीफ है।
- रमेश पिता रघुनाथ जी (60 वर्ष), मंदिर में सेवक, हाथ-पैर करीब 10-15 प्रतिशत झुले हैं। वार्ड में हैं और पहले से हालत अब ठीक हैं। जल्दी ही डिस्चार्ज होंगे।
- अंश पिता नीरज शर्मा (12 वर्ष ) पुरोहित पुत्र, कमर का हिस्सा करीब 5-10 प्रतिशत झुलसा है। डीलक्स वार्ड में भर्ती हैं। हालत पहले से अच्छी है और एक-दो दिन में डिस्चार्ज होने की संभावना है।
रंगपंचमी पर एक लोटा केशरयुक्तरंग का उपयोग हुआ गर्भगृह में
उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर में पहली बार रंगपंचमी पर गर्भगृह में एक लोटा केशरयुक्त रंग अर्पित किया गया। धुलेंडी पर गर्भगृह में आग लगने के बाद रंगपंचमी पर हुई भस्मआरती के दौरान प्रशासन, पुलिस और मंदिर प्रशासन का अमला मुस्तैद रहा।
कलेक्टर नीरजकुमार सिंह ने भस्मआरती की व्यवस्थाओं की मॉनीटरिंग की। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के निर्णय अनुसार रंगपंचमी पर्व पर परंपरा के सम्यक निर्वहन के लिए भस्मआरती में पं. आशीष पुजारी ने एक लोटा केशरयुक्त जल भगवान महाकाल को अर्पण किया। श्रद्धालुओं को जांच के बाद ही मंदिर में प्रवेश दिया गया। सभी द्वार पर सुरक्षाकर्मियों ने जांच की।
श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी, पुरोहित, प्रतिनिधि एवं मंदिर परिसर स्थित अन्य छोटे-बड़े मंदिर के पुजारी, सेवक, अपने साथ लाए जाने वाले सामान की स्वयं जांच कराकर मंदिर में प्रवेश लिया।