महाकालेश्वर शयन आरती दर्शन के नाम पर सुरक्षाकर्मियों ने महिला दर्शनार्थी से ले लिये 1 हजार रुपए, प्रकरण दर्ज
उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मन्दिर में दर्शन के नाम पर भक्तों से रुपयों का लेनदेन लगातार जारी है। अभी तक रुपए लेकर भस्मारती दर्शन कराने के मामले सामने आते रहे हैं। अब शयन आरती के दर्शन भी रुपए लेकर कराये जाने का मामला सामने आया है। शयन आरती के दर्शन कराने के लिए एक महिला दर्शनार्थी से एक हजार रुपए लेने के मामले में महाकाल पुलिस ने मंगलवार को दो सुरक्षा कर्मचारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। दोनों कर्मचारी सुरक्षा एजेंसी क्रिस्टल के लिए काम करते हैं।
पुलिस के मुताबिक छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी तुलेश्वरी साहू अपनी दीदी जानकी और अन्य परिवार के लोगों के साथ महाकाल मन्दिर दर्शन के लिए आई थीं। 1 अप्रैल की रात 10 बजे श्री महाकालेश्वर मन्दिर में होने वाली भगवान महाकाल की शयन आरती में शामिल होने लिए मन्दिर के प्रवेश का प्रयास किया। चूंकि मंदिर के सभी गेट उस समय बंद हो चुके थे इस कारण वे निजी कंपनी क्रिस्टल के सुरक्षा गार्ड सुनील शर्मा और पंकज कारपेंटर के संपर्क में आयी। दोनों गार्ड ने उन्हें शयन आरती में शामिल करवाने के लिए 500-500 रुपए ले लिये।
तुलेश्वरी ने पुलिस को बताया कि दोनों सुरक्षा गार्ड उन्हें मंदिर के अंदर तक छोड़ आये लेकिन शयन आरती के दर्शन उन्हें नहीं कराये। उन गार्डों द्वारा शयन आरती दर्शन के नाम पर उनके साथ 1 हजार रुपए की धोखाधड़ी की गई है। शिकायतकर्ता तुलेश्वरी साहू की शिकायत पर थाना महाकाल में भारतीय दंड संहिता 1860 के अन्तर्गत धारा 420 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।
प्रशासक ने सुरक्षा कंपनी क्रिस्टल को दिया नोटिस
श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रशासक और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मृणाल मीना ने शयन आरती के नाम पर श्रद्धालुओं से पैसे लेने के प्रकरण में सुरक्षा कंपनी क्रिस्टल को कारण बताओ नोटिस जारी कर 3 दिन में जवाब तलब किया है। प्रशसक मीना ने बताया कि श्रद्धालुओं से पैसे लेने के प्रकरण में दोनों सुरक्षा गार्डों को पद से पृथक करने की कार्यवाही का भी कहा गया है।
महाकाल मंदिर में प्रतिनिधियों की नियुक्ति नियम अनुसार, पुजारी-पुरोहित कल कलेक्टर से मिलेंगे
उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मंदिर में पुजारी और पुरोहित प्रतिनिधियों की जो नियुक्ति की गई है वह नियम अनुसार है। इसे लेकर पुजारियों का प्रतिनिधि मंडल कल गुरुवार को मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर नीरज कुमार सिंह से मिलेगा और इस विषय पर चर्चा कर अपनी आपत्ति दर्ज कराएगा एवं ज्ञापन भी देगा।
हाल ही में कुछ लोगों द्वारा यह भ्रामक प्रचारित करवाया जा रहा है कि महाकाल मंदिर एक्ट-1982 के तहत पुजारी प्रतिनिधि, पुरोहित प्रतिनिधि की नियुक्तिका कोई वैधानिक प्रावधान नहीं है जो पूर्ण रूप से भ्रामक व गलत जानकारी है।
मंदिर की पुजारियान समिति के अध्यक्ष पुजारी विजयशंकर शर्मा एवं पुरोहित समिति के अध्यक्ष अशोक शर्मा ने इस बारे में स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रतिनिधि संबंधी जो भी जानकारी दी गई है वह पूर्णत: असत्य है। मंदिर के समस्त पुजारी व पुरोहित प्रतिनिधि नियम अनुसार नियुक्त है तथा उन्हें दर्शन-पूजन, आरती आदि करने का भी अधिकार है।