धार, अग्निपथ। ऐतिहासिक भोजशाला में मंगलवार को नियमित सत्याग्रह के तहत हिंदू समाज ने पूजा-अर्चन की। नियमानुसार सुबह 8.55 बजे हिंदू समाज के लोग बड़ी संख्या में भोजशाला के भीतर पहुंचे और पूजा की। साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ भी किया गया। इधर भोजशाला में 12वें दिन सर्वे किया। पिछले हिस्से में तीन स्थानों पर सर्वे का कार्य चल रहा है। वही टीम लगातार बारीकी से जांच कर रही है वही आवश्यकता अनुसार टीमो का वह बुलाकर सर्वे कार्य किया जा रहा है।
मंगलवार को हुए सत्याग्रह के दौरान लखनऊ के कुलदीप तिवारी और हिन्दू महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष ओर भोजशाला मुक्ति आंदोलन के अध्यक्ष शिवकुमार भार्गव भी साथियों के साथ पंहुचे। भोजशाला गर्भगृह में पूजन के बाद दोनों ने भोजशाला आंदोलन और सर्वे को लेकर अपनी बातें रखी।
इधर भोजशाला में 12वें दिन सर्वे जारी रहा। पूजा के दौरान टीम पिछले हिस्से में अपनी सर्वे की गतिविधियां करती रही। जिस स्थान पर खुदाई की जा रही है। उसका भी टीम ने दायरा बढ़ाया है। भोजशाला में सोमवार को 11वें दिन का सर्वे पूरा हुआ। सूत्रों के अनुसार पिछले हिस्से में नींव को लेकर की जा रही खुदाई के बीच एक गुप्त रास्ते का स्वरूप सामने आ रहा है। यह स्थान उत्तर-पश्चिम में होने की बात कही जा रही है। खुदाई के दौरान कुछ सीढिय़ां सामने आई है, इसके बाद यह कयास लगाए जा रहे है कि यह गुप्त रास्ता या फिर तलघर हो सकता है।
एडवोकेट रंजना अग्निहोत्री आज धार में
हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट रंजना अग्निहोत्री लखनऊ 3 से 5 अप्रैल तक धार प्रवास पर रहेगी। हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के प्रदेश उपाध्यक्ष आशीष गोयल ने बताया कि भोजशाला का प्रकरण उच्च न्यायालय इंदौर में रंजना अग्निहोत्री, आशीष जनक, आशीष गोयल, सुनील सारस्वत, मोहित गर्ग ने ही दाखिल की थी। जिस पर न्यायालय ने 11 मार्च को पुरातत्व विभाग को वैज्ञानिक सर्वेक्षण का आदेश दिया और इसी प्रकरण में 1 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई सर्वेक्षण का आदेश यथावत रखा है। रंजना अग्निहोत्री भोजशाला के सर्वेक्षण में भी सहभागिता करेगी साथ ही राजा भोज के समकालीन स्मारकों का भी अवलोकन करेगी। अग्निहोत्री ने श्री राम जन्मभूमि अयोध्या, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी और श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर मथुरा के लिए भी कानूनी लड़ाई लड़ी है।
लखनऊ से आए याचिकाकर्ता कुलदीप तिवारी ने बताया कि एएसआई की जांच सही और निष्पक्ष रूप से हो रही है और हमे एएसआई के सर्वे पर पूरा भरोसा हे । एएसआई की सर्वे टीम भोजशाला की मिट्टी और अन्य पाषाण अवशेषों की कार्बन डेटिंग के लिए सेंपल भी एकत्रित कर रही है। जिससे भोजशाला की सही उम्र भी पता चलेगी और तलघर की जांच होने पर कई हिंदू धर्म के साक्ष्य भी मिलने की संभावना है।
पुरानी मूर्तियों की भी होगी कार्बन डेंटिंग
इधर भोजशाला को लेकर चल रहे वैज्ञानिक सर्वे में पुरानी मूर्तियों का भी अध्ययन होगा। सूत्र बताते है कि दो दशक पूर्व भोजशाला परिसर से निकली मूर्तियों का भी टीम अध्ययन करेगी। फिलहाल यह मूर्तियां मांडू के संग्राहलय और धार किले में मौजूद संग्राहलय में रखी हुई है। सूत्रों की माने तो मांडू संग्राहलय में रखी कुबेर की प्रतिमा और धार किले में रखी प्रतिमा का टीम अध्ययन करेगी। मांडू संग्राहलय में शुक्रवार को टीम पहुंच सकती है। हालांकि धार किले को लेकर अभी दिन तय नहीं हो पाया है।