गर्भगृह में अग्रिकांड की घटना के बाद जारी आदेश के पालन पर प्रशासन अब सख्त
उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मंदिर में अब नंदी हाल में भी प्रवेश पर सख्ती कर दी है। गर्भगृह की देहरी तक जाने वालों पर अंकुश लगाया गया है। आम आदमी, मीडियाकर्मी या अनधिकृत पंडे-पुजारी भी मंदिर में नहीं जा सकेंगे। वीआईपी दर्शनार्थी पर यह पाबंदी नहीं है।
महाकाल मंदिर में 25 मार्च को गर्भगृह में हुए अग्निकांड के बाद दर्शन व्यवस्था में कड़े प्रतिबंध लगाये गये हैं। घटना के बाद कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के तहत कई प्रतिबंध लगाये गये हैं और उनका कड़ाई से पालन करने का कहा गया है। नई व्यवस्था के तहत पुजारी9पुरोहितो के प्रतिनिधि के नाम पर होने वाले अनधिकृत प्रवेश को रोका जाएगा साथ ही अब मीडिया को भी नंदी हाल और महाकाल गर्भगृह की देहरी तक जाने की इजाजत नहीं मिलेगी।
महाकाल मंदिर के गर्भगृह में लगी आग के बाद उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने व्यवस्थाओ को सुधारने के लिए अब कदम उठाने शुरू कर दिए है। कलेक्टर ने प्रशासक मृणाल मीणा को पुजारी पुरोहित के प्रतिनिधियों की लिस्ट तैयार करने के लिए कहा है। साथ ही ये ये सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि कोई भी अनाधिकृत रूप से गर्भगृह और नंदीहॉल में प्रवेश ना करे। भस्म आरती के दौरान नंदी हाल में प्रवेश पर रोक रहेगी। हालांकि गर्भगृह में पहले ही रोक लगी है। लेकिन अब भस्म आरती के दौरान भी सीमित संख्या में मंदिर से जुड़े लोग ही जा सकेंगे।
महाकाल मंदिर में होने वाली भस्म आरती में प्रवेश के नाम पर होने वाली गड़बड़ी को रोकने के लिए कदम उठाए है। उन्होंने पिछले एक माह का डेटा निकलवाकर अब तक किस किस के नाम पर कितनी भस्म आरती परमिशन बनी है इसका पता लगाने के भी निर्देश दिए है।
मीडियाकर्मी भी नंदी हाल या गर्भगृह देहरी तक नहीं जा सकेंगे
मीडिया कर्मियों के लिए भी भी मंदिर में व्यवस्था बनाने के निर्देश कलेक्टर सिंह ने प्रशासक मीणा को दिए है। कलेक्टर ने बताया कि पर्व के दिनों में गर्भगृह के पास लगने वाले भीड़ वीआईपी के आगमन पर नंदी हाल में कवरेज के दौरान बड़ी संख्या में आने वाली भीड़ को भी कम करने के उपाय किए जा रहे है।
अब महाकाल मंदिर फोटोग्राफर ही वीडियो फोटो उपलब्ध करवाएंगे। साथ ही मीडियाकर्मियों पर भी रोक भी नंदी हाल और गर्भगृह की देहरी तक जाने की भी रोक लगेगी। अब आने वाले समय एक हॉल को मीडिया के लिए के लिए तैयार करवाकर वही फुटेज और बाईट देने की व्यवस्था की जाएगी। मंदिर समिति प्रशासक मृणाल मीणा ने बताया कि मंदिर में अनाधिकृत लोगों की मौजूदगी कम करने के लिए कड़े कदम उठाये हैं।
वीआईपी पर पाबंदी नहीं
मंदिर में लगाई गई पाबंदियां वीआईपी दर्शनार्थी पर नहीं है। बुधवार को भी तमाम राजनीतिक हस्तियों ने महाकाल मंदिर में गर्भगृह में जाकर पूजन की। यह सभी राजनीतिक हस्तियां हैं। कुछ दिनों पहले ही मंदिर समिति ने बताया था कि चुनाव आचार संहिता लगने के कारण राजनीतिक हस्तियो को प्रोटोकाल समाप्त किया गया है। मंदिर में उन्हें विशेष दर्जा व सुविधाएं नहीं मिलेंगी।