अपर आयुक्त के आदेश पर निगम कर्मियों में नाराजगी छायी
उज्जैन, अग्निपथ। निगम के अपर आयुक्त के एक आदेश के बाद नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों में रोष छा गया है। आदेश में कहा गया है कि माह मार्च पेड इन अप्रैल का वेतन उन्हीं को मिलेगा जिनका संपत्ति कर अभी तक का जमा हो। इसके लिए सम्पत्ति कर जमा की रसीद निगम कार्यालय में जमा करवाना होगी।
निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों को अप्रैल, 24 का वेतन समाचार लिखे जाने तक नहीं मिला है। इसके पीछे का कारण रोचक है। निगम के अपर आयुक्त वित्त दिनेश चौरसिया ने एक विभागीय पत्र जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि सभी को वेतन तभी जारी होगा जब उनकी ओर संपत्ति कर देय नहीं होगा। मार्च, 24 तक का संपत्ति कर जमा करके रसीद निगम कार्यालय में जमा करें ताकि वेतन भुगतान की प्रक्रिया की जा सके। इस आदेश के बाद निगम में हडक़ंप मच गया।
अधिकारियों कर्मचारियों का कहना है कि इस आदेश के बाद वेतन इस माह बहुत लेट हो जाएगा। मार्च माह में बताना था। ताकि सभी संपत्ति कर को जमा कर देते। अब जमा करवाने में समस्या यह है कि पोर्टल कुछ दिन से बंद है। पोर्टल चालू होने तक संपत्ति कर की गणना नहीं हो पाएगी। ऐसा होने से उनका वेतन लेट हो जाएगा। जिनकी मकान वहां आदि की किस्त आती है, उन्हें अधिक ब्याज दंड के रूप में बैंक वालों को देना होगा। जो किराये से रहते हैं, उनके मकान मालिकों का संपत्ति कर जमा होकर रसीद दिखाना है। वे अपने मकान मालिक पर दबाव कैसे बनाये।
आमजन में खुशी का माहौल
इस संबंध में आम आदमी खुश दिखा। लोगों का कहना है कि पूरे शहर पर रौब ऐंठने वाले निगम अधिकारियों-कर्मचारियों के पाले में गेंद आ गई है। अब वे दिखाएं अपने हिस्से का हिसाब।