महाकाल अन्नक्षेत्र: भक्तों को क्षुधा शांति के साथ आध्यात्मिक तृप्ति भी मिलती है

महाकाल अन्नक्षेत्र

श्री महाकालेश्वर मंदिर के अन्नक्षेत्र में रोज साढ़े 3 से 4 हजार से अधिक को मिलता है स्वादिष्ट भोजन

उज्जैन, (हरिओम राय) अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर का नि:शुल्क महाकाल अन्नक्षेत्र इन दिनों महाकाल भक्तों की क्षुधा शांत करने के साथ ही उन्हें आध्यात्मिक तृप्ति भी प्रदान कर रहा है। नए भवन में आये अन्नक्षेत्र में रोज करीब साढ़े तीन से चार हजार लोग भोजन-प्रसादी ग्रहण कर रहे हैं।

श्री महाकालेश्वर मंदिर का नि:शुल्क अन्नक्षेत्र यूं तो बरसों से भक्तों को भोजन उपलब्ध करवा रहा है। पहले स्थान छोटा होने के कारण रोज करीब 1500 के आसपास दर्शनार्थी भोजन कर पाते थे। लेकिन हाल ही में यह अब नए भवन में संचालित किया जा रहा है। धीरे-धीरे सुविधाएं बढ़ी तो अब यहां रोज करीब साढ़े तीन से चार हजार लोग दोनों समय में भोजन कर रहे हैं।

महाकाल लोक में भी लगाया कूपन काउंटर

महाकाल अन्नक्षेत्र में भोजन करने के लिए दर्शनार्थियों को मंदिर का कूपन लेना पड़ता है। यह कूपन पहले जूना महाकाल मंदिर के पास से भक्तों को जारी किया जाता था। अब यह कूपन के लिए एक और काउंटर महाकाल लोक में भी बढ़ाया गया है। अन्नक्षेत्र प्रभारी मिलिंद वैद्य बताते हैं मंदिर के काउंटर से रोज करीब दो हजार से अधिक कूपन वितरित होते हैं। अब महाकाल लोक में लगाये गये काउंटर से भी इतने ही कूपन और वितरित होते हैं। महाकाल मंदिर का काउंटर दोपहर में भी चालू रहता है।

नए काउंटर के बाद संख्या बढ़ी, आटा-दाल की खपत भी

श्री वैद्य बताते हैं कि महाकाल लोक में अतिरिक्त काउंटर शुरू होने के बाद से अन्नक्षेत्र में भोजन के लिए आने वाले दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ी है। इस कारण रात आठ बजे या अधिक समय तक भी भोजन कराया जाता है। इसके साथ ही राशन का खर्च भी बढ़ा है। अब रोज करीब चार क्विंटल आटा, 50 किलो दाल, 1 क्विंटल चावल, करीब तीन क्विटल सब्जियों की खपत यहां हो रही है।

दानदाता भी पीछे नहीं

अन्नक्षेत्र में भोजन करने आने वाले दर्शनार्थी जब यहां भोजन करते हैं तो यहां की व्यवस्था और कर्मचारियों के सदव्यवहार से उनका मन भी प्रसन्न हो जाता है। यहां का माहौल भी धार्मिक है। यूं कहा जाये कि क्षुधा शांति के साथ ही दर्शनार्थी को यहां आध्यात्मिक शांति भी मिलती है। खुश होकर वे यहां खुलकर दान भी करते हैं, जिससे अन्नक्षेत्र की व्यवस्था बनाने में सुविधा होती है। यहां पर एक वक्त का भोजन 25 हजार और पूरे दिन का भोजन 51 हजार रुपए नकद दान देकर कराने की भी व्यवस्था की गई है। इसके तहत कई लोग अपने या प्रियजन के जन्मदिन, पुण्य स्मरण आदि पर इस सुविधा का लाभ भी उठाते हैं।

आधुनिक सुविधाओं से युक्त है महाकाल अन्नक्षेत्र

नए अत्याधुनिक अन्नक्षेत्र में मशीनों से भोजन बनाया जाता है। भोजन बनाने के प्लांट आटोमेटिक है। सिस्टम सेट करने के बाद यह स्वयं कार्य करते हैं। दाल बनाने वाली मशीन में दाल डालने के बाद यह खुद पानी, तेल, मसाले आदि सेटिंग सिस्टम के अनुसार लेकर दाल तैयार कर देती है। मशीन में काफी कम समय में दाल,चावल,सब्जी, रोटी आदि भोजन प्रसादी बन जाती है। अन्य मशीने भी यहां धीरे-धीरे शुरू की जा रही हैं।

तल मंजिल व प्रथम तल में बैठक व्यवस्था

महाकाल मंदिर के नए अन्नक्षेत्र का निर्माण करीब 27 करोड़ रूपये की लागत से हुआ है। इंदौर के एक दानदाता ने 22 करोड़ रुपये की लागत से अन्नक्षेत्र भवन का निर्माण कराकर मंदिर समिति को सौंपा है। अन्य दानदाताओं के सहयोग से पाच करोड़ की लागत से किचन के लिए भोजन बनाने की मशीन ट्राली तथा बैठने के लिए फर्नीचर का इंतजाम किया गया है।

अन्नक्षेत्र भवन दो मंजिला है। तल मंजिल पर किचन के साथ श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था भी है। एक बार में तल मंजिल व प्रथम तल में 1800 से दो हजार लोगों की बैठकर भोजन कर सकते हैं। ट्रालियों के द्वारा भोजन सर्व किया जाता है। अन्नक्षेत्र में भक्तों के पीने के लिए आरओ वाटर का इंतजाम है।

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