शयन आरती और भस्मारती में दर्शन कराने के नाम पर रुपए लिए, एक आरक्षक निलंबित, दो युवक प्रतिबंधित
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में रुपए लेकर दर्शन कराने की घटनाएं नहीं थम रही है। शनिवार को सामने आये मामले में रुपए लेकर दो लोगों को शयन आरती में सबसे आगे बैठाकर दर्शन कराये, वहीं भस्मआरती में भी उन्हें 31-31 सौ रुपए लेकर दर्शन कराये। शनिवार को पूरा मामला उजागर हुआ तो रुपए लेकर दर्शन कराने की मिलीभगत में पाये गये एक आरक्षक को एसपी ने सस्पेंड कर दिया है। जबकि मंदिर समिति ने दो युवकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए महाकाल थाने को लिखा है और मंदिर में दोनों युवकों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है।
घटना के मुताबिक आरोपी युवक हर्ष जोशी और ब्रजेश तिवारी ने दो युवकों को रुपए लेकर दर्शन कराये थे। दोनों युवक ऑटो रिक्शा वाले के जरिए दर्शन करने की बात कर पहले फूल बेचने वाले के पास पहुंचे। वहां से खुद को पंडित बताने वाले हर्ष जोशी और ब्रजेश तिवारी के संपर्क में आये। बाद में शयन आरती और भस्मारती के दर्शन के लिए अलग-अलग रुपये तय हुए।
हर्ष जोशी ने ड्यूटी पर तैनात आरक्षक अजीत राठौर की मदद से दोनों युवकों को शयन आरती में दर्शन करवाये। उन्हें पिछले के दरवाजे से ले जाकर मंदिर में आगे बैठाया और बदले में 15-15 सौ रुपए लिये। इसमें से आरक्षक राठौर को भी रुपए दिये गये। इसके बाद 31-31 सौ रुपए लेकर ब्रजेश तिवारी ने भस्मारती करवाई। इस पूरे मामले की रिकार्डिंग दोनों युवकों ने कर ली और 6 अप्रैल को पूरे मामले की शिकायत कलेक्टर नीरज कुमार सिंह को कर दी।
प्रशासन और मंदिर समिति में हडक़ंप मचा, तुरंत कार्रवाई
महाकाल मंदिर में दर्शन की आड़ में चल रहे बड़े रैकेट का खुलासा जब सामने आया तो मंदिर की व्यवस्था को बेहतर बताने वाले जिम्मेदारों की आंखे खुली रह गई। प्रशासन सहित मंदिर समिति कार्यालय में हडक़ंप मच गया। सबसे पहले एसपी प्रदीप शर्मा ने आरक्षक अजीत राठौर को सस्पैंड किया। दूसरी ओर कलेक्टर व मंदिर समिति अध्यक्ष नीरज सिंह ने मंदिर समिति को कार्रवाई के आदेश दिये।
महाकाल मंदिर प्रशासक मृणाल मीणा के दिशा निर्देशन में दोपहर में मंदिर समिति ने रुपये लेनदेन करने वाले हर्ष जोशी और ब्रजेश तिवारी के खिलाफ महाकाल थाने में कार्रवाई का पत्र भेजा और मंदिर में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया। मंदिर समिति ने हर्ष जोशी और ब्रजेश तिवारी के महाकाल मंदिर सहित परिसर के मार्गों में प्रवेश पर रोक लगा दी है।
हर्ष जोशी और ब्रजेश तिवारी ने तय राशि से अधिक राशि लेकर भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन और भस्म आरती के दर्शन कराए थे। जबकि, दर्शन के लिए कोई शुल्क नहीं देना होता है। भस्म आरती पंजीयन के लिए 200 रुपए प्रति श्रद्धालु शुल्क तय है।
महाकाल मंदिर में प्रशासनिक कसावट शुरू, ड्यूटी में भी हो रहा है बदलाव
सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि महाकाल मंदिर उज्जैन में श्रद्धालुओं के सुगमतापूर्वक दर्शन व्यवस्था के साथ मन्दिर के सुव्यवस्थित संचालन के लिए प्रशासनिक कसावट जारी है। श्रद्धालुओं को ठगने और गड़बड़ी करने वाले के विरुद्ध सख्त कार्यवाही भी जारी हैं। मंदिर की सुरक्षा अधिकारी रूबी यादव ने बताया कि सुरक्षा कर्मचारियों की ड्यूटी भी रोटेट की जा रही है। ड्यूटी रोटेशन लगभग रोज ही होगा, ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है।
कौन है ब्रजेश तिवारी और हर्ष जोशी
सूत्रों के मुताबिक हर्ष जोशी बचपन से ही महाकाल मंदिर के पुजारियों के साथ मंदिर में घूमता रहा। बीच में कुछ समय वो मंदिर परिसर में स्थित एक महादेव मंदिर (84 महादेव में एक) में सहायक के रूप में काम करता था। लेकिन उसकी रुपए लेने की आदतों के कारण उसे करीब एक-डेढ़ साल पहले वहां से हटा दिया गया था। इसी तरह ब्रजेश तिवारी भी किसी मंदिर से नहीं जुड़ा है, लेकिन महाकाल मंदिर के पुजारी व सहायकों से मित्रता के कारण वो पंडितों की वेशभूषा में मंदिर में भी घूमता रहा है। हर्ष और ब्रजेश दोनों बाहर से यजमान लाकर मंदिर के पुजारियों को सौंप देते हैं और बदले में उन्हें भी भेंट-पूजा मिलती है।