नए संवत्सर की शुरुआत कल से
उज्जैन, अग्निपथ। ब्रह्म पुराण के अंतर्गत सृष्टि का आरंभ का दिन चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को माना जाता है। पंचांग की गणना में इस बार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर मंगलवार आ रहा है। शास्त्रीय मान्यता यह की चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन जो वार होता है, उस वार का अधिपति वर्ष संवत्सर का राजा माना जाता है। वार का अधिपति मंगल होने से वर्ष का राजा मंगल माना जाएगा। इसी तरह संवत्सर का मंत्री शनि होने से शासन-प्रशासन में परिवर्तन दिखाई देगें।
पं.अमर डिब्बेवाला के अनुसार मंगल को नवग्रह में पराक्रम, प्रतिष्ठा, अग्नि तत्व, विद्युत, भूमि, भवन स्थिर संपत्ति, शरीर में रक्त, ऊर्जा, क्रोध आदि का कारक ग्रह माना गया है। जब वर्ष का राजा मंगल होता है। तब बहुत सारे परिवर्तन अलग-अलग क्षेत्र में दिखाई देते है। हालांकि जहां पर मंगल का कारक तत्व है। वहां पर विशेष परिवर्तन दिखाई देते है। भारत की कीर्ति बढ़ेगी संपदा में वृद्धि होगी। आर्थिक परिप्रेक्ष्य बाधा के बाद बढ़ेगा।
मंत्री होंगे शनि- शासन प्रशासन में परिवर्तन
पं. डिब्बेवाला ने बताया कि जब शनि को मंत्रि पद दिया जाता है तो कानूनी प्रक्रिया न्याय प्रणाली और न्याय प्रशासन से जुड़े मामलों में आमूल चूल परिवर्तन होते है। शनि के वर्तमान में केंद्र योग होने से न्याय प्रणाली पहले से अधिक तकनीकी तौर पर मजबूत होगी। हालांकि संबंधित विषय में उतार-चढ़ाव के साथ में कहीं-कहीं अस्थिरता वाला व्यवहार अधिकारियों के मध्य रहेगा। यह जनता के लिए थोड़ा कष्टदाई हो सकता है।
संवैधानिक शोध व परिवर्तन होंगे
राजा मंगल और मंत्री शनि हो तो दोनों ही स्थितियां शासन प्रशासन के साथ संवैधानिक परिवतज़्न की स्थिति की और ले जाते हैं। बड़े-बड़े परिवर्तन इस वर्ष में होंगे। संवैधानिक मामलों में न्याय प्रणाली कानून प्रणाली और सामान्य प्रशासन विभाग में अलग-अलग प्रकार के परिवर्तन देखने को मिलेंगे। साथ ही सरकार के लिए विशेष कार्य योजना बनानी होगी, क्योंकि यह समय परीक्षण और परीक्षा दोनों का ही रहेगा। सामंजस्य और संतुलन इस बार सरकार को केंद्रगत रखना होगा।
भारत की सैन्य क्षमता बढ़ेगी
मंगल को अलग-अलग प्रकार के हथियारों का कारक ग्रह भी बताया गया है। भारत की परमाणु क्षमता सैन्य क्षमता इस वर्ष विशेष रूप से बढ़ेगी नए-नए शोध व परमाणु परीक्षण इस वर्ष होंगे। एंटी बैलेस्टिक मिसाइल्स लॉन्चर्स, टैंकर्स ड्रोन, प्रिपरेशन आदि सभी क्षेत्रों में जबरदस्त परिवर्तन होंगे।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत बड़ा निर्यातक बन सकेगा
भारत की सैनिक क्षमता और हथियारों की क्षमता उत्पादन की क्षमता बढ़ाने से विकासशील राष्ट्रों का झुकाव भारत की और रहेगा। आने वाले समय में भारत से इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय व्यापार की स्थिति व नीति निर्मित होगी।
चिकित्सा में नए शोध होंगे
राजा मंगल के मंत्रिमंडल में अलग-अलग ग्रहों को अलग-अलग पदों का प्रभाव दिया गया है। इस दृष्टि से चिकित्सा से जुड़े क्षेत्र में नए-नए शोध आमजन के लिए अनुकूल होंगे। हालांकि इन शोधों में आगे और समय लगेगा, किंतु इस वर्ष नए शोधों और नए परिवर्तन का सकारात्मक पक्ष सामने आ सकता है।