नगर निगम शहर को साफ-सुथरा और सुंदर बनाने के लिए तरह-तरह के काम करने के दावे कर रहा है। अधिकारी सुबह से ही सडक़ों पर निकल पड़ते हैं और शहर की सडक़ों को साफ-सुथरा रखने के लिए तमाम हिदायतें जारी करते हैं। सुबह 7 से 9 बजे के बीच नगर निगम के अफसरों के दौरें पूरे हो जाते हैं। इसके बाद वे देखते भी नहीं की शहर में क्या हो रहा है।
सडक़ों पर कब्जा जमाकर व्यापार करने का खेल 9-10 बजे के बाद ही शुरू होता है। अगर शहर की प्रमुख आगर रोड की बात करें तो यहां सुबह तो सडक़ चौड़ी दिखती है, लेकिन 10 के बाद ही यह सडक़ यातायात के लिए आधी भी नहीं बचती। दोनों ओर हाथ ठेलों के अलावा बड़े व्यापारी भी अपनी दुकान लेकर फुटपाथ पर आ जाते हैं।
मोहन नगर चौराहे के समीप सरिया-एंगल-चद्दर बेचने वाले दुकानदार ने तो आगर रोड के फुटपाथ ही सामान जमा लिया है और सडक़ पर तौलकांटा रखकर गाडिय़ों में लोडिंग-अनलोडिंग किया जा रहा है। जो कि आमजन के लिए भी खतरनाक है। यही हाल बिल्डिंग मटेरियल विक्रेताओं ने भी कर रखा है। नगर निगम के अधिकारी अगर दोपहर में भी सडक़ों का निरीक्षण करने निकलें, तो सुंदर शहर की सच्चाई सामने आ जाएगी।