9 बदमाशों से बरामद किये 23 मोबाइल, जेल भेजा
उज्जैन, अग्निपथ। ट्रेनों में यात्रियों के मोबाइल चोरी करने वाले गिरोह को पकडऩे में जीआरपी ने बड़ी सफलता प्राप्त की है। 9 बदमाशों को गिरफ्तार कर 23 मोबाइल बरामद किये गये है। जो अलग-अलग ट्रेनों और जिलों से चोरी किये गये थे। सभी को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया है।
जीआरपी टीआई मोतीराम चौधरी ने बताया कि ट्रेनों से यात्रियों के मोबाइल चोरी होने की शिकायते लगातार मिल रही थी। यात्रियों के मोबाइल नबंर और ईएमआई नबंर प्राप्त कर ट्रेकिंग पर डाले गये थे। जिसके आधार पर मोबाइल चोरी करने वाले गिरोह का सुराग मिल गया और इंदौर से 9 आरोपियों को पकडक़र रविवार रात उज्जैन लाया गया। जिनसे पूछताछ में 23 मोबाइल बरामद किये गये। जिसकी कीमत 4 लाख से अधिक की होना सामने आई है।
टीआई ने बताया कि गिरोह में संतोष, लोकेश खंडवा के रहने वाले है। वहीं करण, धर्मेन्द्र इंदौर के निवासी है। उनके गिरोह से जुड़े अन्य आरोपी धनीराम, जितेन्द्र, शिवा उत्तरप्रदेश के है। एक आरोपी जयसिंह खंडवा और एक लक्ष्मण शाजापुर का रहने वाला है। सभी अलग-अलग ट्रेनों में सवार होते थे और भीड़ में मौका मिलते ही यात्रियों के मोबाइल चोरी कर लेते थे। आरोपियों से बरामद कुछ मोबाइल के मालिको का पता चल गया है। अन्य मोबाइलों के ईएमआई नबंर से उनके धारको का पता लगाया जा रहा है। गिरोह के प्रदेश के अलग-अलग जिलों में वारदात को अंजाम देते थे।
इंजीनियरिंग कॉलेज कर्मचारी के खाते से 99 हजार का ट्रांजेक्शन
उज्जैन, अग्निपथ। इंजीनियरिंग कॉलेज कर्मचारी के खाते से अज्ञात व्यक्ति द्वारा 99 हजार का ट्राजेक्शन कर लिया गया। मामले की शिकायत थाने पहुंचने पर पुलिस ने जांच के बाद अज्ञात बदमाश के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।
नानाखेड़ा थाना पुलिस ने बताया कि इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में रहने वाला टाटाराम पिता भिलू भुस्करे (45) कॉलेज में ही कर्मचारी है। कुछ माह पहले उनके खाते से अज्ञात व्यक्ति द्वारा 99 हजार का बिना बताये ट्रांजेक्शन कर लिया गया। टाटाराम को अपने खाते से रूपये निकाले जाने के मैसेस मिला तो उन्होने बैंक पहुंचकर शिकायत की। बैंक की ओर से ट्रांजेक्शन किये गये रूपयों को होल्ड कर दिया, लेकिन खाते में रूपये वापस नहीं आये।
जिसके चलते उन्होने मामले की शिकायत आवेदन के माध्यम से थाने आकर दर्ज कराई। जांच के बाद अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया गया है। बैंक से जानकारी लेकर जिस खाते में रूपये ट्रांसफर हुए है, उस संबंधित व्यक्ति की तलाश की जाएगी।