सेना का लांस नायक है आरोपी, घटना के बाद पत्नी को लेकर पहुंचा सबूत मिटाने गया, फिर ड्यूटी के लिए हो गया रवाना
उज्जैन, अग्निपथ। रतलाम के महू-नीमच हाईवे फोरलेन जावरा व ढोढर के बीच रूपनगर फंटे के पास एक खेत में मिली अद्र्धनग्न अवस्था में शव के अंधे कत्ल का मामला रतलाम पुलिस ने सुलझा लिया है। युवती की हत्या करने वाला आर्मी का लांस नायक निकला है। जो कि युवती का रिश्ते में मामा लगता है। लांस नायक व युवती के बीच पिछले तीन साल से संबंध थे।
पुलिस का कहना है कि युवती द्वारा रुपए की मांग करने पर लांस नायक ने परेशान होकर हत्या करना कबूल किया है। वारदात के बाद आरोपी ने घटनास्थल पर पत्नी के साथ मिलकर साक्ष्य मिटाने की कोशिश की। इसके बाद वह गांव में पत्नी को छोडक़र नागदा पहुंचा था। यहां से ट्रेन से दिल्ली पहुंचकर फ्लाइट से जम्मू कश्मीर जाकर ड्यूटी ज्वाइन कर ली थी।
2 अप्रैल 24 की सुबह रिंगनोद थाना क्षेत्र के महू-नीमच हाईवे के रूपनगर फंटे के एक खेत में खून से सना अद्र्धनग्न अवस्था में युवती का शव मिला था। गले पर धारदार हथियार के वार के निशान थे। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया। शिनाख्ती की कोशिश की। पुलिस के ई-रक्षक एप पर मध्यप्रदेश,गुजरात,राजस्थान महाराष्ट्र आदि राज्यों से दर्ज गुमशुदगी के करीब तीन सौ मामलों को चैक किया गया। इसके अलावा सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स व्हाट्सएप, इन्स्टाग्राम, फेसबुक आदि के माध्यम से भी मृतिका की शिनाख्त के प्रयास किए गए। लेकिन चार दिन तक कोई सामने नहीं आया। तब पुलिस ने जावरा में युवती का शव एक मुक्तिधाम में दफना दिया था।
पांचवे दिन परिजन सामने आए
घटना के पांचवे दिन 6 अप्रैल को शव की शिनाख्त सविता राठौर (20) पिता भारतसिंह राठौर निवासी ग्राम नरेडी बेरा थाना खाचरौद जिला उज्जैन के रूप में हुई। युवती के भाई व अन्य परिजन युवती का मोबाइल बंद आने पर तलाश करते हुए रतलाम के औद्योगिक थाने पहुंचे थे। तब पुलिस को पता चला कि युवती रतलाम के सखवाल नगर में किराये के मकान में रहकर नर्सिंग की कोचिंग कर रही थी। रतलाम सैलाना रोड स्थित कोचिंग सेंटर पर ही युवती पढ़ाई करने जाती थी। युवती के मोबाइल नंबर व घर से लेकर कोचिंग व अन्य स्थानों के सीसीटीवी फूटेज खंगाले गए।
शादीशुदा है आरोपी
एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया सविता की हत्या उसके ही रिश्ते में मामा लगने वाले पिंटू पिता कालू सिंह राजपूत निवासी ग्राम कोठड़ी थाना ताल जिला रतलाम ने की है। आरोपी भारतीय सेना की फील्ड रेजीमेंट 43 में लांस नायक के पद पर पदस्थ होकर जम्मू कश्मीर के द्रास में पोस्टेड है। पिछले 3 साल से मृतिका व आरोपी पिंटू के बीच प्रेम संबंध था। जून 2023 में पिंटू की शादी हो गई। जिसके बाद मृतिका सविता उससे रुपए के लिए दबाव बनाने लगी। दो बार उसने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर राशि भी भेजी थी।
मोबाइल की कॉल डिटेल से हुआ खुलासा
मृतिका के मोबाइल की कॉल डिटेल के आधार पर अंधे कत्ल का खुलासा हो पाया। पुलिस जांच में सामने आया है कि मुख्य आरोपी पिंटू सिंह ने सविता राठौर को 1 अप्रैल 24 की शाम मोबाइल कर पंचेड़ फंटे पर बुलाया था। सविता रतलाम से बस से पंचेड़ फंटे पर पहुंची। यहां पर पिंटू पहले से बुलेट लेकर खड़ा था। वहां से दोनों रिंगनोद थाना अंतर्गत ढोढर चौकी क्षेत्र में पहुंचा। रात करीब 8.30 बजे पिंटू ने पहले सविता के सीने पर चाकू से हमला किया। इसके बाद चाकू से गला रेता। फिर शव को उस स्थान से घसीटकर झाडिय़ों में फेंक दिया। फिर वहां से अपने गांव चला गया। जहां अपनी पत्नी को जाकर घटनाक्रम बताया।
डेढ़ माह की छुट्टी लेकर आया
आरोपी पिंटू डेढ़ माह की छुट्टी लेकर आया था। उसे 2 अप्रैल को वापस ड्यूटी पर जाना था। जाने के पहले उसने वारदात को अंजाम दिया। आरोपी पिंटू ने 1 अप्रैल की शाम चाकू से वार कर हत्या की थी। इसके बाद डर के मारे उसने अपने गांव जाकर पत्नी शीतल को घटनाक्रम बताया। फिर दोनों पति-पत्नी घटनास्थल पहुंचे। यहां पर दोनों ने मिलकर शव के कपड़े निकालकर साक्ष्य खत्म करने की कोशिश की। इसी के चलते पुलिस ने मुख्य आरोपी पिंटू की पत्नी शीतल को भी आरोपी बनाया। फिलहाल पुलिस अभी पत्नी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
नागदा से दिल्ली गया
घटना के बाद आरोपी घटना के बाद ही 1 अप्रैल को अपने गांव से नागदा चला गया। वहां से ट्रेन से दिल्ली पहुंचा। दिल्ली से फ्लाइट से जम्मु-कश्मीर पहुंचा। पुलिस ने युवती के मोबाइल नंबर से आखरी कॉल से सेना के लांस नायक आरोपी को गिरफ्तार किया। इसके बाद पुलिस ने सेना सेना के 43 फिल्ड रेजीमेंट कारगिल से संपर्क किया। घटनाक्रम को बताया। पत्राचार किया। इसके बाद पुलिस की एक टीम को वहां पर भेजा। वहां से ट्रांजिट रिमांड लेकर आरोपी को पकड़ कर रतलाम लाया गया।
दफनाए शव को निकाल किया था अंतिम संस्कार
6 अप्रैल 24 की सुबह उज्जैन जिले के नरेड़ीबेरा गांव निवासी मृतिका सविता का भाई धीरेंद्रसिंह पिता भरतसिंह राठौर परिजनों के साथ रतलाम औद्योगिक पुलिस थाने पहुंचा था। मृतिका के भाई धीरेंद्र सिंह के अनुसार उसकी आखरी बार सविता से 31 मार्च 2024 की करीब 6 से 7 बजे के बीच मोबाइल पर बात हुई थी।
1 अप्रैल 2024 को सविता का मोबाइल स्वीच ऑफ मिला था। मृतिका सविता अधिकतर मोबाइल स्वीच ऑफ रखती थी। उन्होंने लगातार कॉल किए। लेकिन मोबाइल बंद ही मिला। थाने पर पहुंचने पर जब पुलिस ने मृतिका का फोटो दिखाया तो शव की शिनाख्ती हो पाई। पुलिस ने शव की शिनाख्ती को लेकरमहाराष्ट्र, राजस्थान सहित मध्यप्रदेश के धार, देवास, खरगोन, नीमच, मंदसौर, उज्जैन, इंदौर आदि शहरों में संपर्क किया था।