पेयजल समस्याग्रस्त क्षेत्र में जाने की जगह अधिकारी टंकियों का कर रहे निरीक्षण
उज्जैन, अग्निपथ। दक्षिण क्षेत्र में स्थित नगर निगम कॉलोनी में ही कुछ मकानों में लोगों को पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा। मजबूरन रहवासी नल से पानी नहीं मिलने पर सार्वजनिक बोरिंग से पानी भर रहे हैं। इनमें से कई बोरिंग का कनेक्शन नहीं होने के कारण परेशान हो रहे हैं क्योंकि इस पर रसूखदारों ने कब्जा कर रखा है और प्रतिमाह कनेक्शन लेने वाले लोगों से किराया लिया जा रहा है। अधिकारी केवल टंकियों का निरीक्षण कर रहे हैं। समस्याग्रस्त क्षेत्र में जाकर समस्या को दूर करने की जहमत अभी तक नहीं उठाई है।
बुधवार को भी दक्षिण क्षेत्र में जलप्रदाय का टर्न था। इस दौरान नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक सहित विभिन्न अधिकारी टंकियों के आसपास तैनात रहे और जलप्रदाय व्यवस्था पर नजर रखी। निगमायुक्त पाठक का दावा है कि सोमवार को कहीं भी बड़ी समस्या नहीं आई। दूसरी ओर सेठी नगर क्षेत्र में नगर निगम कॉलोनी में कुछ घरों में पानी नहीं पहुंचा। नल चले भी तो झटके के साथ चले और कुछ देर बाद बंद हो गए।
नगर निगम के माल विभाग में पदस्थ रहे स्व. हरिनारायण सेठ की पुत्री सुनीता सेठ ने बताया बुधवार को भी नल से उनके घर पानी नहीं आया। उन्होंने कहा पिछले कुछ दिनों से यही समस्या बनी हुई है। पानी आता भी है तो मटमैला।
इसकी शिकायत उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों से भी की है, लेकिन अधिकारी कहते हैं नल चल तो रहे। मटमैला पानी आने की शिकायत राजस्व कॉलोनी में भी सामने आई,जहां रहवासियों ने इसकी शिकायत जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से की है। दरअसल, कई जगह पर पाइपलाइन लीकेज हो रही है, जिससे मटमैला पानी आने की समस्या अभी पूरी तरह से दूर नहीं हो पा रही है।
केवल टंकियों के भरने तक निरीक्षण की जवाबदेही
दक्षिण के कई क्षेत्रों में अभी भी पेयजल की समस्या बनी हुई है। नगरनिगम के अधिकारी पीएचई के अधिकारियों के साथ केवल टंकियों के निरीक्षण तक ही अपनी जवाबदेही बनाये हुए हैं। निगम आयुक्त आशीष पाठक भी निगरानी रख रहे हैं। लेकिन पेयजल नहीं आने की शिकायत करने के लिये कोई हेल्पलाइन नंबर आदि जारी नहीं किया गया है।
सार्वजनिक बोरिंग पर कब्जा
नगर निगम कॉलोनी की बड़ी समस्या यह है कि यहां बोरिंग की सुविधा है, लेकिन उस पर कुछ रसूखदार लोगों ने कब्जा कर रखा है। अगर कॉलोनी के लोग इससे कनेक्शन लेने की कोशिश करते हैं तो जान से मारने की धमकियां भी मिलती हैं। पेयजल भरने का बकायदा किराया भी रहवासियों से इन रसूखदार लोगों द्वारा लिया जा रहा है। इस पर भी उनकी दबंगई के आगे अधिकारी कुछ कर नहीं पाते। क्योंकि अधिकारी क्षेत्र में जाकर समस्या का निराकरण नहीं कर केवल खानापूर्ति कर रहे हैं।