ग्राम खजुरी कानड़ में खेत पर बंधी थीं बकरियां
आगर मालवा/कानड़, अग्निपथ। आगर जिला मुख्यालय से करीब 31 किलोमीटर दूर ग्राम खजुरी कानड़ में जंगली जानवरों के हमले से 13 बकरियों की मौत हो गई। जबकि आठ बकरियां गंभीर रूप से घायल बताई जा रही हैं। सूचना मिलने के बाद पशुपालन विभाग की टीम मृत बकरियों का पोस्टमार्टम तथा घायल बकरियों का उपचार करने गांव पहुंच गई।
जानकारी के अनुसार गांव के किसान मोहन सिंह पिता सजन सिंह व उनके भाई नारायण सिंह व जसवंत सिंह खेती के अलावा बकरी पालन करते हैं। तीनों भाइयों के पास 25 से अधिक बकरियां है। तीनों की बकरियां खेत के पास जंगल में चरती है। गुरुवार दोपहर को जंगल में बकरियां चराने के बाद तीनों भाई बकरियों को खेत पर बांधकर खाना खाने घर आ गए थे । खाना खाकर जब वापस किसान मोहन सिंह खेत पर पहुंचे तो उन्हें दूर से दिखाई दिया कि बकरियों पर जंगली जानवर हमला कर रहे हैं। मोहन सिंह का कहना है उनके शोर मचाने के बाद भी हिंसक जंगली जानवर बकरियों को नहीं छोड़ रहे थे । जंगली जानवरों की संख्या 5 से अधिक बताई जाती है।
मोहन सिंह ने अन्य लोगों के साथ हिंसक जानवरों को भगाने का प्रयास किया तो भागते-भागते ये जानवर दो बकरियों को मुंह में दबा कर ले गए। करीब डेढ़ किलोमीटर दूर मिली, जबकि एक बकरी कुएं में गिर गई थी।
जंगली जानवरों के इस हमले में 13 बकरियों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि आठ बकरियां गंभीर रूप से घायल है। गांव के युवा ईश्वर सिंह राठौर ने बताया कि इन जंगली जानवरों ने बकरियों के स्तन व उनके शरीर के अन्य हिस्सों को बुरी तरह नोंच दिया था। किसानों ने बताया कि गांव में इस प्रकार की घटना पहली बार हुई है। जो बकरियां घायल हुई है उनकी स्थिति भी नाजुक बनी हुई है।
प्रत्यक्षदर्शी किसान मोहन सिंह ने बताया कि जंगली जानवर बरगड़े (भेडि़ए) जैसे दिखाई दे रहे थे। वन विभाग व पशुपालन विभाग के अधिकारियों को इस बात की जांच करना चाहिए कि बकरियों पर हमला कौन से जंगली जानवरों द्वारा किया गया है। गांव में हुई इस घटना से अन्य ग्रामीणों में भी दहशत बनी हुई है। किसानों का कहना है कि अधिकांश लोगों के जानवर खेतों पर बंधे रहते हैं। ऐसे में एक बार इस प्रकार का हमला हुआ तो आगे भी इस प्रकार का हमला हो सकता है।