तीन दिन से अस्पताल में है भर्ती
उज्जैन अग्निपथ। भैरवगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम कोलूखेड़ी में रहने वाली महिला ने अपने पति के साथ थाना परिसर में पहुंचकर जहरीला पदार्थ खा लिया। पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में तीन दिन पहले हुए घटनाक्रम के बाद महिला का जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है, लेकिन आज तक उसके बयान ही नहीं हो पाये। महिला व उसके पति का आरोप है कि कर्जदार द्वारा रुपये लौटाने के बाद भी और रुपयों की मांग की जा रही है जबकि टीआई का कहना है कि महिला के बयान लेने पुलिसकर्मी अस्पताल गये थे लेकिन वह आवेदक पर केस दर्ज करने की जिद कर रही है।
सपना व उसका पति राजू पूर्व में झार्डा थाना क्षेत्र में लोगों से 22 लाख का लहसुन खरीदकर हेराफेरी कर चुके हैं। उनके खिलाफ झार्डा थाने में केस दर्ज हुआ और वह जेल भी गये थे। उसके बाद एक और धोखाधड़ी का मामला भी सामने आया था जिसमें राजू ने जहर खाकर फरियादी को धमकाया तो उसने रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई। सपना ने थाना परिसर में जहर नहीं खाया था। उक्त दंपत्ति ने मुकेश सिंह नामक व्यक्ति के बोलेरो वाहन को किसी ओर को बेच दिया था।
उसी का शिकायती आवेदन मुकेश ने थाने में दिया था। सपना व राजू ही मुकेश के साथ समझौते की बात कहकर थाने आये थे। सपना द्वारा जहरीला पदार्थ खाने की सूचना सीएच से थाने पर आई थी। पुलिसकर्मी उसके बयान लेने अस्पताल गये लेकिन महिला व उसका पति बयान देने को तैयार नहीं हुए। सपना बेहोश होने का नाटक कर रही थी। उनके द्वारा मुकेश के खिलाफ केस दर्ज करने की जिद की जा रही थी। बिना जांच के केस दर्ज नहीं कर सकते।
जमीन बेचकर लौटाये थे रुपये, फिर भी रुपये मांग रहा कर्जदार
मुकेश ने बताया कि उन्होंने मुकेश सिंह से डेढ़ साल पहले 36 लाख रुपये उधार लिये थे। बाद में राजीनामा कर जमीन बेची और 27 लाख रुपये लौटा दिये उसके बाद भी मुकेश सिंह द्वारा और रुपयों की मांग की जा रही थी। रुपये नहीं लौटाने पर थाने में बंद कराने की धमकी दी जा रही थी। इसी से प्रताडि़त होकर तीन दिन पहले भैरवगढ़ थाने गये वहां मौजूद एसआई किरार साहब को परेशानी बताई लेकिन उन्होंने थाने से भागने को कह दिया।
पुलिस ने मदद नहीं की तो क्षुब्ध होकर परिसर में ही जहरीला पदार्थ खा लिया था तब भी पुलिस ने कोई मदद नहीं की। मुझे पति व देवर ने सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। तीन दिन से यहां उपचार करा रही हूं, लेकिन आज तक कोई पुलिसकर्मी बयान लेने नहीं आया। हमारी फरियादी कोई सुनने को तैयार नहीं है।