महाकाल मंदिर में भस्मारती के नाम पर फिर ठगी; सात दर्शनार्थियों से 14 हजार रुपए ठग लिए

आंध्रप्रदेश के दर्शनार्थियों को होटल अजय के जरिए बनाया शिकार, भस्मारती दर्शन के नाम पर रुपए लिए और लाइन में खड़ा कर दिया

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में एक बार फिर भस्मारती के नाम पर दर्शनार्थियों से रुपए लेकर ठगने का मामला सामने आया है। इस मामले में मंदिर के पुजारी के सेवक और होटल संचालक के खिलाफ मंदिर समिति ने कार्रवाई के लिए पुलिस को लिखा है। सेवक को मंदिर से प्रतिबंधित किया है।

श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन और भस्म आरती अनुमति के नाम पर श्रद्धालुओंं के साथ ठगी करने की घटनाएं कम नही हो रही है। एक अन्य मामले में रविवार 14 अप्रैल को मंदिर समिति के कार्यालय में भस्मार्ती अनुमति के नाम पर तय राशि से अधिक राशि वसूल करने के संबंध में एक लिखित शिकायत प्राप्त हुई है। पूरा मामला रविवार रात को सामने आया, जिस पर मंदिर समिति ने सोमवार सुबह कार्रवाई की है। इस मामले में पुजारी के सेवक ने सात लोगों से १4 हजार रुपए लिये थे।

रुपए भी ले लिए और दर्शन भी नहीं कराये

रोमिल शर्मा

शिकायत में श्रद्धालु नागोजू सत्यनारायण ने बताया कि वे 10 अप्रैल को रेलवे स्टेशन के पास आंध्रा आश्रम अजय होटल में रुके हुए थे। होटल ऑनर प्रभाकर के जरिए उनके द्वारा पुजारी कैलाश गुरू के सेवक रोमिल शर्मा (मो. 9131189007 ) को 2,000 प्रति व्यक्ति के मान से 7 व्यक्तियों के लिए कुल 14 हजार रूपए फोन पे के माध्यम से दिए थे। इसमें होटल मालिक प्रभाकर भी शामिल थे।

चलित दर्शनार्थी लाइन में छोडक़र चला गया रोमिल शर्मा

नागोजू सत्यनारायण ने बताया कि वे सात सदस्यों के साथ जब रात में मंदिर पहुंचे तो उन्हें चलित भस्मारती की सामान्य दर्शनार्थियों की लाईन में लगा दिया। जिसके कारण 65 वर्षीय बुजुर्ग पिता और एक फैमेली के साथ एक वर्ष के छोटे बच्चे के साथ परेशानी हुई। भगवान महाकाल की भस्मारती के उन्हें स्क्रीन में भी दर्शन नही हो सके। श्रद्धालु ने अपनी शिकायत में कहा है कि कहा यहां ठहरने से लेकर भोजन करने और दर्शन के नाम पर ठगी होती है। गैर हिंदी भाषी श्रद्धालुओं को तो पूरी तरह लूटा जाता है। इसी लिए मंदिर प्रशासन को शिकायत की है कि अन्य भक्तों के साथ लूट नही हो।

शिकायत के बाद मची खलबली

यह शिकायत नागोजू द्वारा रविवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति को की गई थी। जिससे मंदिर समिति में खलबली मच गई। मंदिर प्रशासक मृणाल मीना के आदेश पर मंदिर की सुरक्षा व प्रोटोकाल अधिकारी रूबी यादव ने इस मामले में आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया कि पुजारी के सेवक रोमिन शर्मा द्वारा किया गया यह कृत्य अमर्यादित होकर श्रद्धालुओं के साथ धोखाधड़ी करने वाला है।

साथ ही मंदिर की प्रतिष्ठा को खराब भी करता है। पुजारी कैलाश गुरू के सेवक रोमिल शर्मा का प्रवेश सभी विशेष मार्गों से प्रतिबंधित किया जाता है। सोमवार को इस मामले में कार्रवाई के लिए मंदिर समिति की ओर से महाकाल पुलिस को भी लिखा गया है।

ऑनलाइन अनुमति पर भी उठे सवाल, खुलते ही फुल हो जाती है सीटें

श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा हर बार दावा किया जाता है कि भस्मारती अनुमति के लिए दर्शनार्थी ऑनलाइन भी अनुमति ले सकते हैं। इसके लिए मंदिर की साइट पर अप्लाई करना होता है। अनुमति की लिंक एक महीने पहले खुलती है। यानी अगर किसी को 15 मई की भस्मारती की अनुमति ऑनलाइन लेना है तो उसकी लिंक 15 अप्रैल से खुलेगी। जबकि होता यह है कि 15 को लिंक खुलने के चंद मिनटों बाद ही स्लॉट बुक का मैसेज आने लगता है।

चंद मिनटों में ही करीब 500 से अधिक ऑनलाइन सीटें फुल होना तमाम सवाल खड़े कर रही है। इस मामले में भी यही हुआ है। पेशे से साफ्टवेयर इंजीनियर श्रद्धालु नागोजू से जब ऑनलाईन भस्म आरती कराने के संबंध में पूछा तो उनका कहना था कि पिछले दो महीने से मंदिर समिति की साइट पर ऑनलाईन अनुमति के लिए प्रयास कर रहे थे।

सुबह अनुमति के लिए स्लाट खुलते है और कुछ ही मिनट में फुल हो जाते हैं। मंदिर समिति की सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि सॉफ्टवेयर की तकनीकी खराबी के कारण यह स्थिति बन रही है। जिसे जल्द ही समस्या का हल हो जाएगा।

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