उज्जैन,अग्निपथ। दो बस्तियों को खाली करने के नोटिस पर बुधवार को अलग-अलग प्रतिक्रिया सामने आई। कवेलू कारखाने के व्यवसायी हटना शुरू हो गए। वहीं बेगमबाग के रहवासियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर वैकल्पिक मनचाही व्यवस्था नहीं होने तक हटने से इंकार कर दिया।
कोर्ट से केस जीतने के बाद कवेलू कारखाने की करीब 8 हैक्टेयर जमीन का प्रशासन ने नगर निगम को सौंपना तय किया है। इसी के चलते प्रशासन ने मंगलवार को 24 घंटे में हटने की मुनादी करवाई थी। आदेश को देखते हुए बुधवार सुबह से रहवासियों ने भी सामान समेटने के साथ विरोध शुरू कर दिया। पता चलते ही तहसीलदार पूर्णिमा सिंघी, कार्यपालन यंत्री रामबाबू शर्मा व उपकार्यपालन यंत्री रामबाबू शर्मा मौके पर पहुंचे। लोगों को समझाया कि फिलहाल अतिक्रमणकर्ता, व्यवसायियों को हटना है। रहवासियों के लिए कोई आदेश नहीं है। जानकारी के बाद लोगों ने राहत की सांस लेकर विरोध छोड़ दिया। हालांकि इस दौरान किराए से रह रहे लोगों ने पलायन शुरू कर दिया।
बेगमबाग के रहवासी किराया लेने को तैयार नहीं
महाकाल मंदिर स्मार्ट सिटी विस्तारीकरण (मृदा प्रोजेक्ट) के चलते बेगमबाग में नाले के पास स्थित करीब ढाई सौ मकान हटाने की योजना है। प्रशासन द्वारा रहवासियों को पांच दिन में हटने के आदेश देने के साथ 3 हजार रुपए मासिक किराए का भी वादा किया है। बावजूद रहवासी विरोध पर उतारू हो गए। इसी के चलते बुधवार को भारी संख्या में रहवासी कोठी पैलेस पहुंचे। उन्होंने प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर समीप ही रहने की व्यवस्था की मांग की। चेतावनी दी कि शहर से दूर नहीं जायेंगे। मांग अनुसार विकल्प नहीं करने पर प्रशासन उन पर बुलडोजर भी चला दे तो भी वह नहीं हटेंगे। प्रशासन ने उन्हें व्यवस्था करने के बाद ही हटाने का भरोसा दिलाया है। याद रहे क्षेत्रवासियों ने मंगलवार को भी नगर निगम कार्यालय पर धरना देकर ज्ञापन सौंपा था।
रहवासी बोले 23 साल पहले मिला था पट्टा
बेगमबाग के रहवासियोंं ने बताया कि 1998 से पट्टा मिलने पर रह रहे है। शासन की योजनानुसार तय राशि भी अदा की थी। बावजूद बिना विधिक प्रकिया के सिर्फ मौखिक आदेश पर पांच दिन में हटने का फरमान सुना दिया। ऐसे में यहा रह रहे करीब 300 गरीब परिवार कहां जाएंगे और कैसे जीवनयापन करेंगे।