कांग्रेस से दीपिका मरमट ने भी भरा नामांकन
उज्जैन, अग्निपथ। नामांकन के अंतिम दिन सात प्रत्याशियों ने अपना नामांकन जमा किया। कांग्रेस की और से दो नामांकन जमा हुए। उज्जैन आलोट सीट के लिए कांग्रेस से महेश परमार के साथ साथ दीपिका सुरेंद्र मरमट ने भी कांग्रेस की और से अपना नामांकन दाखिल किया है।
उज्जैन विधायक व कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार ने नामांकन के साथ अपनी सम्पत्ति की जानकारी दी है जिसमें उनकी आय, संपत्ति बढऩे के साथ ही पुलिस प्रकरण और कर्ज भी बढ़ा है। 2018 में महेश परमार के पास 40 ग्राम सोना और 500 ग्राम चांदी थी। वर्ष 2018 में 85.36 लाख की सम्पत्ति थी जो कि 2023 में बढक़र 2.62 करोड़ व 2024 में 2.77 करोड़ हो गई।
इसके साथ आय भी 2023 व 24 में बढक़र 14.26 लाख हुई। 2023 व 24 में पत्नी की वार्षिक आय 7.53 व बेटी की 4.70 लाख रुपए है। पत्नी की आय का स्त्रोत कृषि को बताया गया । वर्ष 2023 व 24 में परमार के नाम दो कृषि व एक गैर कृषि भूमि हैं। पत्नी के नाम 2 कृषि व बेटी के नाम एक कृषि भूमि हैं। सम्पत्ति के बढ़ोत्तरी के साथ परमार की देनदारी भी बढ़ी है। वर्ष 2018 में परमार 33.56 लाख की देनदारी थी जो बढक़र वर्ष 2023 में 65.09 लाख हो गई है। महेश परमार के पास एक रिवाल्वर सहित 22 लाख की इनोवा और 45 लाख की फॉरच्यूनर कार भी है।
कांग्रेस से दो प्रत्याशी ने भरा नामांकन
नामांकन के अंतिम दिन कांग्रेस से महेश परमार और दीपिका सुरेंद्र मरमट ने अपना नामांकन दाखिल किया। दरअसल सूरत और खजराहो सीट पर हुई उठा पटक के बाद कांग्रेस पार्टी कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती है। इसलिए अगर किसी भी कारण से महेश परमार का नामांकन निरस्त होता है तो दीपिका मरमट पर पार्टी ने भरोसा जताते हुए नामांकन दाखिल कराया है। 26 अप्रैल को प्रात: 11:00 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक प्राप्त नाम निर्देशन पत्रों की छानबीन की जाएगी। अभ्यर्थी 29 अप्रैल को दोपहर 3 बजे तक अपना नामांकन वापस ले सकेंगे। अब 29 अप्रैल को नाम वापसी की तारीख के बाद स्थिति साफ़ हो पाएगी।
भाजपा को 400 सांसद क्यों चाहिए-पायलट
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए प्रचार चरम पर पहुंच गया है। कांग्रेस और बीजेपी ने एक-दूसरे पर हमले तेज कर दिए हैं। उज्जैन में राजस्थान कांग्रेस के नेता सचिन पायलट ने कहा- भाजपा नेताओं को म-म शब्द का खेल करने का बहुत शौक है। ये बात करते हैं मुसलमान-हिंदू की, मंदिर-मस्जिद की, मंगलसूत्र की।
सचिन पायलट गुरुवार को उज्जैन में कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा- देश में बदलाव का माहौल है। वही वादे और आश्वासन से लोग ऊब गए हैं। पहले चरण के चुनाव के बाद भाजपा के नेताओं के भाषण में बौखलाहट और गुस्सा दिखाई दे रहा है।
पायलट ने कहा, सरकार बनाने के लिए 272 सांसद चाहिए होते हैं। भाजपा को 400 सांसद क्यों चाहिए? कहीं न कहीं इनके जेहन में ये बात है, जो खुद इनके नेता बोलते हैं और आज मजबूरन भाजपा के शीर्ष नेताओं को खुले मंच से खंडन करना पड़ रहा है कि हम संविधान से छेड़छाड़ नहीं करेंगे, हम आरक्षण से छेड़छाड़ नहीं करेंगे। आपको खंडन की नौबत ही क्यों पड़ी है? 400 पार तो 1984 में राजीव गांधी के सांसद आए थे, कभी उन्होंने बोला कि विपक्ष खत्म कर दूंगा।