नागदा, अग्निपथ। अभिभाषक संघ में चुनाव में हुई धांधली के संबंध में याचिकाकर्ता अनोखीलाल एडवोकेट और कुतुबुद्दीन कुरेशी एडवोकेट नागदा द्वारा स्टेट बार कॉन्सिल जबलपुर में एक अपील निर्वाचन अधिकारी लाईक एहमद अंसारी और सहायक निर्वाचन अधिकारी राजेश तिवारी और दीपक नेगी अभिभाषक के विरुद्ध दायर की थी ।
उक्त अपील को राज्य अधिवक्ता परिषद जबलपुर द्वारा गुण दोसो पर आदेश पारित न करते हुए अपील को 6 दिन की लिमिटेशन (मियाद बाहर) मानते हुए अस्वीकार किया था । जिस पर से अभिभाषक अनोखीलाल सिसोदिया और कुतुबुद्दीन कुरेशी अभिभाषक द्वारा तीनो निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ और राज्य अधिवक्ता परिषद की सचिव के खिलाफ उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष एक पिटीशन फाइल की हे।
यहां यह बताना भी आवश्यक है की जो आदेश राज्य अधिवक्ता परिषद द्वारा पारित किया गया है उस पर कोई दीनाक भी अंकित नही है।इन्ही कारणों से अपील में दोनो अपीलार्थी अधिवक्ता का कहना है की अब निश्चित ही निर्णय पक्ष में आवेगा और नागदा अभिभाषक संघ का हुआ चुनाव निरस्त होकर फिर से चुनाव होगा।
यहां विधि के जानकार कमल मालवीय अधिवक्ता का कहना है की जब सुप्रीम कोर्ट लिमिटेशन के प्वाइंट पर लिबरल होकर सालो की मियाद को कम कर गुण दोष पर निर्णय पारित करते हे ।इस संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा कई निर्णय पारित किए हे और अपीलार्थी के वर्षो के विलंब माफ किए हे। जबकि ज्ञात हुआ है की अपीलार्थी गण द्वारा तो अपील के साथ ही अपना लिमिटेशन वाला आवेदन भी पेश कर दिया था। विधि जानकर शैलेंद्र सिंह चौहान अधिवक्ता का कहना है की अपील को दर्ज किए जाने सामने वाले को नोटिस जारी किए जाने उनके जवाब आने बहस सुनने के बाद इस लिमिटेशन सम्या अवधि के प्वाइंट पर अपील खारिज करना संदेह की स्थिति निर्मित करता है। समय अवधि के प्वाइंट पर हर कोर्ट का रुख साफ हे । कोर्ट जब लिमिटेशन के प्वाइंट को लिबरल रूप में लेती है ।
दोनो विधि जानकर का यह भी कहना है की अपीलार्थिगण द्वारा जो राज्य अधिवक्ता परिषद के निर्णय को चुनौती उच्च न्यायालय में दी हे निश्चित ही उच्च न्यायालय इस पर संज्ञान लेकर उचित निर्णय पारित करेगा । साथ ही उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा प्रत्यर्थी गण लईक एहमद अंसारी राजेश तिवारी और दीपक नेगी को जल्द ही नोटिस मिलने की संभावना है। अब लगता है की नागदा अभिभाषक संघ के चुनाव खटाई में पड़ते हुए नजर आ रहे है अपुलार्थी का कहना है की संघ अध्यक्ष द्वारा पिछले दो वर्षो का हिसाब भी नही दिया जा रहा और नए और पुराने कोष अध्यक्ष को नोटिस दिए जाने के बाद भी आज तक कोई हिसाब संघ के सदस्य के सामने नही रखा है । इसके लिए उन पर अलग से नागदा न्यायालय में कार्यवाही की जावेगी।