कांग्रेस ने जताया आक्रोश, दो दिन पहले रामघाट पर सीवरेज लाइन फूटने से दूषित हुई थी शिप्रा
उज्जैन, अग्निपथ। शुक्रवार को एक बार फिर बैठे बैठाये कांग्रेसियों का नया मुद्दा मिल गया। शिप्रा नदी के त्रिवेणी घाट पर पर कान्ह नदी के पानी को रोकने के लिए बना स्टापडेम टूट गया। जिससे इंदौर की और से आने वाला दूषित पानी शिप्रा नदी में मिल गया। अब आगामी 3 अप्रैल से शुरू होने वाली पंचक्रोशी यात्रा में आये श्रद्धालुओं के स्नान पर प्रश्नचिह्न चस्पा हो गया है। उनको गंदे पानी में स्नान करना पड़ सकता है।
गंदा पानी मिलने की सूचना के बाद कांग्रेस शहर अध्यक्ष सहित अन्य कांग्रेसजन मौके पर पहुंचे और आक्रोश व्यक्त किया। दो दिन पहले ही रामघाट पर सीवरेज का पानी मिलने से कांग्रेस विधायक ने गंदे पानी में बैठकर आक्रोश जताया था।
उज्जैन की शिप्रा नदी एक बार मैली हो गई। करोड़ो रुपए की योजना बनाने के बाद भी शिप्रा को निर्मल बनाने के काम पूर्ण नहीं हो पा रहा है। लाख कोशिश के बाद भी कान्ह नदी का दूषित पानी शिप्रा नदी को गन्दा कर रहा है। शुक्रवार को त्रिवेणी घाट पर कान्ह नदी के गंदे पानी को रोकने के लिए बनाया गया डेम टूट गया।
डेम के टूटने की खबर के बाद कांग्रेस शहर अध्यक्ष मुकेश भाटी, रवि राय, सोनू शर्मा, प्रवक्ता लालचंद भारती, पूर्व पार्षद देवव्रत यादव, सुरेंद्र मरमट, अमित भारतीय, अनुज पटेल त्रिवेणी घाट पहुंचे और उन्होंने स्थिति देखकर प्रशासन पर शिप्रा को बचाने में नाकाम रहने का आरोप लगाया। डेम टूटने से बड़ी मात्रा में कान्ह नदी का गन्दा पानी शिप्रा नदी में मिलने लगा।
सीएम निर्देशित कर चुके है फिर भी ये हाल है
देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर का सीवेज युक्त पानी कान्ह नदी के रूप में उज्जैन आकर शिप्रा में मिलता है। ये मिलन रोकने को शासन, प्रशासन ने बीते दो दशक में कई योजना बनाई, अरबों रुपये खर्च किए मगर सुधार न हुआ। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव पिछली बैठकों में कई बार अफसरों को निर्देशित कर चुके हैं कि उज्जैन में शिप्रा के जल की शुद्धि और सिंहस्थ 2028 के लिए प्रस्तावित कार्य योजना बनाएं। शिप्रा में नालों का गंदा पानी मिलने से रोके, नदी के पानी को आचमन एवं पीने योग्य बनाएं।
नर्मदा का जल भी हो जायेगा दूषित
3 मई से पंचक्रोशी यात्रा शुरू हो रही है। भगवान नागचंद्रेश्वर से बल लेने से पहले पंचक्रोशी यात्री शिप्रा में स्नान कर अपनी यात्रा पर निकलेंगे। लेकिन उनको ऐसा ही रहा तो गंदे पानी में स्नान करना होगा। इसके लिये स्टापडेम को फिर से बनाकर तैयार करना प्रशासन की जवाबदारी रहेगी। ज्ञात रहे कि शुक्रवार से पंचक्रोशी यात्रियों के स्नान के लिये नर्मदा का जल प्रदाय शुरू किया जा रहा है। स्टापडेम बनाकर गंदा पानी नहीं रोका गया तो नर्मदा का जल भी दूषित हो जायेगा।