डॉक्टरों की पैनल से कराया पोस्टमार्टम; 2 लाख की चोरी में इंदौर से पकड़ाया था, 1.15 लाख हुए थे बरामद
उज्जैन, अग्निपथ। एक्टिवा की डिक्की तोडक़र 2 लाख चोरी करने वाले आरोपी को पुलिस ने इंदौर से गिरफ्तार किया था। बुधवार-गुरुवार रात अभिरक्षा में उसकी मौत हो गई। गुरुवार सुबह तीन डॉक्टरों की पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया। एसपी ने मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिये है।
मंगलवार को आईस्क्रीम कारोबारी राधेश्याम कुमरावत उदयन मार्ग पर हनुमान मंदिर दर्शन करने गये थे। वह घर से बैंक में जमा करने के लिये 2 लाख रुपये भी लेकर निकले थे। दर्शन के दौरान उनकी एक्टिवा की डिक्की तोडक़र अज्ञात बदमाश ने रुपये चोरी कर लिये थे। माधवनगर पुलिस ने मामला दर्ज कर कैमरों के फुटेज देखे थे। संदिग्ध एक्टिवा क्रमांक एमपी 09 ईएम 2898 से भागता दिखाई दिया था।
बुधवार शाम इंदौर के तुलसीनगर से संदिग्ध राधेश्याम पिता घासीराम शर्मा (68) को हिरासत में लिया गया। उसे उज्जैन लाया जा रहा था। रास्ते में तबीयत बिगड़ गई। पुलिस ने उसे देर रात माधवनगर अस्पताल में भर्ती किया। जहां उसकी अभिरक्षा में उपचार के दौरान मौत हो गई। गुरुवार सुबह माधवनगर पुलिस ने मर्ग कायम कर जिला अस्पताल में तीन डॉक्टरों की पैनल से पोस्टमार्टम कराया।
चोरी में गिरफ्तार किये गये आरोपी की मौत होने पर एसपी प्रदीप शर्मा ने मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश जारी किये है। मामले का लेकर एएसपी गुरूप्रसाद पाराशर ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार करने क्राइम ब्रांच की टीम इंदौर पहुंची थी। जहां से उसे गिरफ्तार करने के बाद एक्टिवा और चोरी के 1.15 लाख भी बरामद किये गये थे। अस्पताल में भर्ती कराने के बाद उसका बीपी हाई होना सामने आया था। शुगर भी बढ़ गई थी। जिसके चलते उसे हृदयघात हुआ था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वजह सामने आ पायेगी।
रात में ही उज्जैन पहुंच गये थे परिजन
माधवनगर थाना पुलिस ने बताया कि रात 11 बजे मौत होने की खबर सामने आने के बाद परिजनों को सूचना दी गई थी। रात में पुत्र मनोज शर्मा और अन्य परिजन उज्जैन पहुंच गये थे। सुबह पोस्टमार्टम के दौरान पुत्र ने बताया कि कुछ साल पहले पिता का पैरेलाइज अटैक हुआ था। वह ठीक भी हो गये थे, लेकिन मानसिक संतुलन बिगड़ गया था।
आर्थिक परेशानी के चलते उन्होने चोरी करना शुरू कर दिया था। इंदौर में भी तीन बार चोरी के आरोप में पकड़े जा चुके थे। मंगलवार को उज्जैन दर्शन करने का बोलकर निकले थे। पैरेलाईज अटैक से पहले वह प्रॉपर्टी ब्रोकर्स का काम करते थे। परिजनों ने मौत पर किसी प्रकार का संदेह नहीं व्यक्त किया ना ही पुलिस पर किसी प्रकार का आरोप लगाया।