चचेरी बहन की हालत नाजुक, शादी में शामिल होने गया था परिवार
उज्जैन, अग्निपथ। शादी समारोह में शामिल होने उज्जैन का परिवार भोपाल गया था। जहां गार्डन में बने स्वीमिंग पूल में परिवार का मासूम और उसकी चचेरी बहन डूब गये। मासूम की मौत हो गई। बहन की हालत नाजुक बनी हुई है।
बताया जा रहा है कि उज्जैन का रहने वाला मुस्तकीम दौसखाना और उसका रिश्तेदार मोहम्मद सादिक निवासी शाजापुर परिवार में होने वाली शादी में शामिल होने भोपाल के स्वागत मैरिज गार्डन पहुंचे थे। शुक्रवार देर शाम बारात निकलने वाली थी, परिवार तैयार होने में लगा था। उसी दौरान मुस्तकीम का 5 वर्षीय पुत्र कामिल और मोहम्मद सादिक की सात वर्षीय पुत्री लीजा कमरे से बाहर निकल गये।
दोनों गार्डन में बने स्वीमिंग पूल तक पहुंचे। कुछ देर बाद परिवार ने दोनों के दिखाई नहीं देने पर तलाश शुरू की। दोनों स्वीमिंग पूल के पानी में डूबे दिखाई दिये। उन्हें बाहर निकाला गया और समीप अस्पताल ले जाया गया। जहां कामिल को मृत घोषित कर दिया गया। लीजा की हालत नाजुक होने पर आईसीयू में रखा गया है। मासूम की डूबने से हुई मौत के बाद शादी के कार्यक्रम में मातम फैल गया था।
बताया जा रहा है कि स्वीमिंग पूल में दोनों मासूमों के डूबने पर परिवार ने मैरिज गार्डन संचालक पर आरोप लगाए और सुरक्षा के इंतजाम नहीं करने की बात कहीं। परिजनों का कहना था कि स्वीमिंग पूल वाले क्षेत्र में अंधेरा कर रखा था। वहीं पुल पानी से पूरा भरा हुआ था। मामले में कोहेफिजा थाना पुलिस ने परिजनों को जांच का आश्वासन देकर मामले में मर्ग कायम किया है।
कमरे का दरवाजा बंद कर युवती ने लगाई फांसी
उज्जैन, अग्निपथ। युवती ने शनिवार दोपहर कमरे का दरवाजा बंद करने के बाद पंखे से दुपट्टा बांधकर फांसी लगा ली। मां उसे बुलाने पहुंची तो दरवाजा नहीं खोला। शंका होने पर आसपास के लोगों को बुलाकर दरवाजा तोड़ा तो वह फंदे पर लटकी मिली।
चिमनगंज थाना पुलिस ने बताया कि तिरूपति एवेन्यू में रहने वाली रीतू पिता लोकेन्द्र कुशवाह (20) ने दोपहर में दुपट्टे का फंदा बनाकर फांसी लगा दी। उसे परिजन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर पुलिस ने मर्ग कायम किया और पोस्टमार्टम के लिये जिला अस्पताल पहुंची। परिजनों ने बताया कि सुबह तक सबकुछ ठीक था। दोपहर में मां दूसरे कमरे में काम कर रही थी, तभी रीतू ने अपने कमरे का दरवाजा बंद लिया।
कुछ देर बाद मां उसे बुलाने पहुंची तो दरवाजा बंद था। पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा गया। पुलिस के अनुसार मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। वही परिजन भी कुछ स्पष्ट नहीं कर पा रहे थे। रीतू ने कक्षा 12 वीं की परीक्षा दी थी और वह पास भी हो गई थी। फिलहाल पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों का सौंपा गया है। जांच के बाद ही फांसी लगाने का कारण सामने आ पायेगा।