उज्जैन, अग्निपथ। दाऊदी बोहरा समुदाय के 53वें धर्म गुरू सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन ने सैयदी अब्दुलकादिर हकीमुद्दीन की बरसी के अवसर पर आज जावरा की वजीही मस्जिद में प्रवचन दिया।
सैयदना साहब अपने अनुयाईयो मे अच्छे चरित्र, शुद्ध विचार और ज़रूरतमंदो की मदद करनें के अपने संदेश को दोहराया। आपने सैयदी हकीमुद्दीन साहब को याद करते हुए कहा कि आप न सिर्फ बोहरा समुदाय में अपितु सर्वत्र बहुत पूजनीय हैं। उर्दू, फ़ारसी और अरबी में अपने साहित्यिक योगदान के लिए जाने जाने वाले एक प्रकांड विद्वान, सैयदी हकीमुद्दीन का मध्य प्रदेश के बुरहानपुर मे मज़ार है। उपदेश के दौरान, सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन ने सैयदी हकीमुद्दीन के मूल्यों और शिक्षाओं को याद किया, और कृतज्ञतापूर्ण जीवन जीने में उनके महत्व पर जोर दिया।
जावरा और पड़ोसी शहरों से एकत्र हुए हजारों समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए, सैयदना ने उन्हें अच्छे चरित्र बनाए रखने और गलत कामों से दूर रहने की सलाह दी। विचार और आचरण में शुद्धता के महत्व पर विस्तार से बताते हुए, उन्होंने सदस्यों को आंतरिक शुद्धता के लिए प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया जो एक पूर्ण जीवन की ओर ले जाती है। उन्होंने समुदाय को मानवता की सेवा जारी रखने और सभी के प्रति दया और करुणा दिखाने के लिए भी निर्देशित किया।
सैयदना 1 मई को जावरा पहुंचे और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव ने उनका स्वागत किया। शहर में अपने पूरे प्रवास के दौरान, सैयदना ने समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की, उनके घरों का दौरा किया और उनकी कुशलक्षेम पूछी। मध्य प्रदेश क्षेत्र के कस्बों और गांवों की अपनी यात्रा के हिस्से के रूप में, सैयदना ने बदनावर, बडऩगर, महीदपुर, आलोट और खाचरोद का दौरा किया, अंत में उज्जैन पधारे मजारे नजमी में जिय़ारत की और समाजजन एवं उज्जैन वासियों के लिए दुआ की और इंदौर एयरपोर्ट के लिए प्रस्थान किया।