नागचंद्रेश्वर पर बल लौटाकर शिप्रा स्नान किया, अष्टतीर्थ यात्रा कर घर की ओर रवाना हुए
उज्जैन, अग्निपथ। वैशाख मास में होने वाली पांच दिन की पंचकोशी यात्रा का समापन अमावस्या पर मोक्षदायिनी शिप्रा में स्नान के साथ हुआ। इस दौरान आस्था का सैलाब उमड़ा। दत्त अखाड़ा लेकर रामघाट तक ग्रामीण क्षेत्र के हजारों श्रद्धालुओं ने मोक्षदायिनी शिप्रा नदी में स्नान के बाद देव दर्शन किए। मंदिरों में दर्शन और अष्टतीर्थ यात्रा कर श्रद्धालु ने भगवान नागचंद्रेश्वर को बल लौटाया और अपने घर की ओर रवाना हुए।
पांच दिवसीय पंचकोसी यात्रा का प्रारंभ 3 मई से हुआ था। यात्रा का समापन 7 मई मंगलवार को अमावस्या पर हुआ। हालांकि निर्धारित तिथि से पहले यात्रा प्रारंभ करने वाले श्रद्धालु सोमवार शाम को ही शिप्रा नदी के तट पर पहुंच गए थे। इसके लिए शिप्रा नदी में स्नान के लिए एक दिन पूर्व से ही ग्रामीण अंचलों से लोगों की भीड़ उमडऩे लगी थी।
यात्रा पर पहले निकलने वाले अधिकांश श्रद्धालुओं ने सोमवार को रात्रि में शिप्रा के घाटों पर ही भजन-कीर्तन करते हुए रात गुजारी। मंगलवार को सुबह शिप्रा नदी में स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने घाट के पास बैठे दरिद्र नारायणों को दान-पुण्य किया। वहीं पटनी बाजार स्थित श्री नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर में मिट्टी का घोड़ा चढ़ाकर भगवान का बल वापस किया। यात्रा पूरी होने के बाद यात्री अपने गंतव्य की ओर रवाना होने लगे है।
शिप्रा स्नान के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ श्री महाकालेश्वर मंदिर, हरसिद्धि, गोपाल मंदिर, चारधाम में दर्शन के लिए लगी रही। महाकाल मंदिर में सुबह से ही मंदिर प्रशासन ने बेरिकेट्स से दर्शन व्यवस्था तय कर दी थी। बेरिकेट्स में अलग-अलग पाटले लगा कर श्रद्धालुओं की लाईन चलाकर दर्शन कराए गए। हालांकि मंदिरों में दर्शन का सिलसिला देर शाम तक जारी रहेगा। वहीं बाजारों में भी खरीदी के लिए भीड़ रही। मंगलवार को दिनभर बाजारों में रेलमपेल मची रही। कई जगह पर यातायात भी अस्त-व्यस्त रहा। कई चौराहों पर जाम भी लगा रहा।
पंचकोसी यात्रा का समापन और वैशाख मास की बड़ी अमावस्या पर प्रदेश भर से आए ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने पंचकोसी की यात्रा पूरी करने के बाद शिप्रा स्नान और मंदिर में दर्शन पूजन के बाद दोपहर में अपने घर के लिए रवाना होने लगे थे। इस कारण टे्रनों और बसों में भीड़ रही। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म यात्रियों से भरे हुए थे।
टे्रनों के आते ही यात्रियों की भीड़ कोच में चढऩे के लिए धक्का-मुक्की करते नजर आई। खास कर इंदौर, रतलाम, नागदा, गुना, देवास की ओर जाने वाली ट्रेनों में अधिक भीड़ रही। वहीं आगर, महिदपुर व अन्य ग्रामीण क्षेत्र की रूट पर चलने वाली यात्री बसों में यात्रियों की भीड़ रही।
नगर निगम ने किया पंचक्रोशी यात्रियों का स्वागत
नगर निगम ने पंचक्रोशी यात्रियों के नगर प्रवेश पर उनका स्वागत किया गया। नगर निगम द्वारा पंत्रक्रोशी यात्रियों के स्वागत हेतु हीरा मिल रोड पर मंच बनाया गया। जहां सहायक आयुक्त प्रदीप सेन द्वारा यात्रियों को पुष्प मालाओं एवं बिस्किट वितरित कर स्वागत किया गया।
गीत संगीत, नुक्कड़ नाटक से किया मतदाताओं को जागरूक
ओमकार सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्थान द्वारा पंचकोशी यात्रा में मतदान के प्रति जागरूकता लाने हेतु गीत संगीत एवं नुक्कड़ नाटक के द्वारा मतदाताओं को जागरूक किया गया। साथ ही सभी को शत प्रतिशत मतदान करने के लिए शपथ दिलाई गई। अपने आस पड़ोस एवं रिश्तेदारों को भी मतदान करने के लिए प्रेरित करने का संकल्प दिलाया। इस अवसर पर संस्था अध्यक्ष डॉ प्रीति गुप्ता, मीना खत्री, राजेश गुप्ता एवं संस्था सदस्य उपस्थित थे। यह जानकारी संस्था सचिव भूषण जैन ने दी।
अग्रवाल बायोडाटा बैंक ने पंचकोशी यात्रियों को पिलाया केरी का पना
अग्रवाल बायोडाटा बैंक द्वारा प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी पटनी बाजार में पंचकोशी यात्रियों को केरी का पना पिलाकर गर्मी में शीतलता प्रदान की। साथ ही संस्था द्वारा छाछ, ककड़ी एवं केले का वितरण भी किया गया। अध्यक्ष शैलेंद्र मित्तल इस्कॉन एवं अजीत मंगलम ने बताया कि 7 मई को प्रात: काल से ही संस्था द्वारा पंचकोशी यात्रियों को कैरी का ठंडा मीठा जोलिया पिलाना प्रारंभ किया।
संस्था के सदस्यों ने भरपूर उत्साह एवं लगन से दोपहर 3 तक अनवरत यात्रियों की सेवा की। इस दौरान संस्था के रवि प्रकाश बंसल, पुरुषोत्तम मोदी, विजय मित्तल सिद्धू भैया, पवन मित्तल, दीपक मित्तल, संतोष गर्ग, मनसुख मित्तल, सुरेंद्र सिंहल, कमलेश मित्तल, मदनलाल गोयल, अशोक अग्रवाल मालवा, विजय गोयल, किरतेश हरभजनका, अमर अग्रवाल, तरुण मित्तल, निमेष अग्रवाल आदि सदस्यों का सराहनीय सहयोग रहा।
महाकाल शयन आरती युवा शक्ति परिवार ने की पंचकोशी यात्रियों की सेवा
महाकाल शयन आरती युवा शक्ति परिवार द्वारा पंचकोशी यात्री को निरंतर 5 दिवस जल सेवा के साथ-साथ आम रस, खीर, आलू बड़े, चाय वितरित किया गया। प्रथम प्रणव पिंगलेशवर पर पानी, चाय वितरित किया गया. दूसरे पडाव- करोहन स्थित कायावरोहणेश्वर महादेव पर जल सेवा के साथ चाय वितरित कि गई।
तृतीय पड़ाव- अम्बोदिया स्थित बिलकेश्वर महादेव मंदिर पर जल सेवा के साथ आम रस वितरित किया गया। चतुर्थ पड़ाव- जैथल स्थित दुदुरेश्वर महादेव पर जल सेवा के साथ खीर वितरित की गई।
पंचम पडाव-उंङासा पर जल सेवा के साथ आलू बड़े की सेवा की गई। इस अवसर पर आयोजन समिति के शांतिलाल बैरागी, आनंद गोयल, आदित्य सोनू जाट, राजेश खुबचंदानी, हरीश जोशी, सतीश वर्मा , घनश्याम चौधरी, राम राठौर, उज्जवल गोड, रोहित नागर, चेतन ठक्कर, पंकज जैन, नीलेश हारोड, अभिजीत जाट, दीपक जोशी, भवनेश्वर जोशी, लोकेश परमार, जयेश खत्री, राहुल सोलंकी, हर्ष बागी, कार्तिक हारोङ, शैलेन्द्र परमार आदि के द्वारा सेवा प्रकल्प का कार्य किया गया।