मतदान कराने पहुंची टीम को लौटना पड़ा खाली हाथ
शाजापुर, अग्निपथ। ग्राम सेमली चाचा के ग्रामीणों ने मतदान के बहिष्कार का निर्णय लिया है। जिसके चलते डाक मतपत्र से मतदान करने वाले गांव के तीन मतदाताओं ने भी अपने वोट नहीं डाले। वहीं 13 मई को वोटिंग के दिन भी ग्रामीणों द्वारा मतदान न करने का निर्णय लिया है। इधर जो टीम गांव में बुजुर्गों का मतदान कराने के लिए पहुंची थी उसे भी खाली हाथ लौटना पड़ा, जिनकी समझाईश के बाद भी ग्रामीण मतदान के लिए राजी नहीं हुए।
ग्रामीणों ने बताया कि भारतीय सेना के एक जवान की हत्या के मामले में पुलिस ने हमारे गांव के तीन युवकों को जबरन फंसाकर आरोपी बनाया है। इस मामले में हम निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं और इसके लिए हमने सबसे पहले गांव में विरोध प्रदर्शन। इसके बाद जिला मुख्यालय पर भी कलेक्टर और एसपी को आवेदन देकर बता चुके हैं कि हमारे गांव के तीनो युवा बेकसुर हैं।
मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और जब तक जांच नहीं होगी हम किसी भी चुनाव में मतदान नहीं करेंगे। जिसके चलते 6 मई को गांव की दो बुजुर्ग और एक दिव्यांग महिला मतदाता ने डाक मतपत्र के माध्यम से वोट न डालते हुए मतदान के बहिष्कार में हिस्सा लिया। मंगलवार को भी अधिकारियों ने ग्रामीणों को जाकर समझाईश देने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने और अपनी बात पर अड़े रहे।
इन्होंने नहंीं किया मतदान
मतदान अधिक से अधिक हो और सभी लोग मतदान में भाग लें। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं से डाकमतपत्र के माध्यम से मतदान करवाया जा रहा है। ग्राम सेमली चाचा में भी बुजुर्ग लोंगबाई पति गोपाल सिंह (85), दिव्यांग कैलाश बाई पति मानसिंह (45) और 90 वर्षीय राजूबाई पति मदनसिंह के यहां मतदान के लिए टीम पहुंची तो वहां बड़ी संख्या में ग्रामीण इक_ा हो गए और उन्होंने बताया पूरे गांव ने मतदान के बहिष्कार का निर्णय लिया है, जिसके चलते ये तीनों भी वोट नहीं डालेंगे।
जिला प्रशासन ने पूरी कोशिश की लेकिन उसके बाद भी ग्रामीण नहीं मानें। करीब 3 घंटे तक बीएलओ सहित निर्वाचन दल ने मतदान के लिए ग्रामीणों को समझाइश दी लेकिन वे नहीं माने। इस दौरान तहसीलदार पोलायकलां, नायब तहसीलदार सुंदरसी टप्पा, सुंदरसी थाना प्रभारी, बेरछा थाना प्रभारी सहित 10 से 12 पुलिसकर्मी एवं निर्वाचन दल के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
इनका कहना
सेना के एक जवान के मर्डर के आरोप में गांव का एक युवक पुलिस हिरासत में है। मामले में ग्रामीण निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने मतदान का बहिष्कार कर रहे हैं। दो बुजुर्ग और एक दिव्यांग महिला का मतदान करवाने हम लोग गांव पहुंचे थे, लेकिन ग्रामीण अपनी बात पर अड़े रहे। किसी ने भी मतदान नहीं किया। हमने सीनियर लोगों से भी बात की फिर भी गांव वाले मतदान के लिए नहीं माने।
– अर्चना कुमारी, एसडीएम-शुजालपुर