पूर्व महामंडलेश्वर मंदाकिनी हर्बल कंपनी मालिक से भी कर चुकी हैं धोखाधड़ी

बाबा रामदेव की तरह हर्बल कंपनी की मालकिन बनना चाहती थी, जयपुर से प्रोडक्ट खरीदे, पेमेंट रोका, एक्सपायर्ड हुआ तो वापस भेजा माल

उज्जैन, अग्निपथ। निरंजनी अखाड़े से निष्कासित पूर्व महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता जोशी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। धोखाधड़ी के मामले में दो एफआईआर और लगातार मिल रहीं शिकायतें के चलते उन पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि वे योग गुरू बाबा रामदेव की तर्ज पर हर्बल कंपनी की मालिक बनना चाहती थीं। मंदाकिनी ने हर्बल जूस समेत कई प्रोडक्ट बेचना शुरू कर दिया था।

इसी सिलसिले में जयपुर के एक बिजनेसमैन ने मंदाकिनी द्वारा धोखाधड़ी किए जाने की शिकायत अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी से की है। बिजनेसमैन ने बताया कि मंदाकिनी ने उसकी कंपनी से हर्बल जूस खरीदे और उन पर अपनी फोटो वाला मां आरोग्यम मंदाकिनी का लोगो लगाकर स्टॉक तैयार किया। व्यापारी का आरोप है कि मंदाकिनी ने इस सामान के दाम नहीं चुकाए बल्कि एक्सपायरी डेट निकल जाने के बाद पूरा स्टॉक कंपनी को वापस भिजवा दिया। मंदाकिनी के इस फ्रॉड से व्यापारी को 2 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ा।

माल का भुगतान नहीं किया, एक्सपायर हुआ तो वापस भेजा

जयपुर निवासी संदीप शर्मा जोठवाड़ा इंडस्ट्रीज इलाके में हर्बल मैन्युफैक्चरिंग का काम करते हैं। संदीप ने बताया कि जयपुर में ही एक साल पहले महामंडलेश्वर नर्मदाशंकर महाराज से मुलाकात के दौरान साध्वी मंदाकिनी मिली थीं। मैं उनसे प्रभावित हो गया। वे तीन बार जयपुर में आकर मेरे घर भी रहीं।

मंदाकिनी मेरी फैक्ट्री भी देखने आईं। कहा, मैं भी गौमाता की सेवा करने के लिए हर्बल जूस बेचना चाहती हूं। कच्चा माल आपकी फैक्ट्री से लूंगी। मैंने हां कर दी। इसके बाद 2-2 लीटर जूस के 500 पैकेट उनके परिचित के पास हरिद्वार भिजवा दिए। पूरा माल करीब 2 लाख रुपए का था। संदीप ने बताया कि कुछ समय बाद जब भुगतान मांगा तो उन्होंने कहा- बाद में देती हूं। कई बार मांगने पर भी पैसे नहीं दिए। करीब एक साल बाद सभी जूस वापस कर दिए। खराब होने के कारण वह माल किसी काम का नहीं रहा। उसे फेंकना पड़ा।

मां आरोग्यम मंदाकिनी का लोगो अपनी फोटो के साथ लगवाया

संदीप ने बताया, जब मंदाकिनी मेरी फैक्ट्री में आई थीं, तभी कहा था कि जूस पर मेरा फोटो भी लगाना चाहिए। काफी विचार-विमर्श करने के बाद उसका नाम विटाकल्प जूस रखा गया। दो प्रोडक्ट एलोवेरा जेल और एलोवेरा नीम पर भी मां आरोग्यम मंदाकिनी का लोगो अपनी फोटो के साथ लगवा दिया। मंदाकिनी ने दोनों प्रोडक्ट के सैंपल मंगवा लिए। जब उन्होंने पेमेंट नहीं किया तो मैंने काम आगे नहीं बढ़ाया।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष बोले- करोड़ों रुपए के फ्रॉड किए

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा, जयपुर निवासी संदीप शर्मा ने शिकायत की है। इस पर हम संज्ञान ले रहे हैं। कुछ लोग और आ रहे हैं, जिनके साथ मंदाकिनी ने धोखाधड़ी की है। पुरी ने कहा कि मंदाकिनी ने करोड़ों रुपए के फ्रॉड किए हैं। रोज कई लोग शिकायत करने पहुंच रहे हैं। कुछ तो ऐसी हैं कि हम आपको बता भी नहीं सकते। कई भुगतान मुझे करने पड़ रहे हैं, क्योंकि मैंने ही उन्हें महामंडलेश्वर बनाया था।

मंदाकिनी के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज, कई शिकायतें भी आईं

इससे पहले निरंजनी अखाड़े के ही महंत सुरेश्वरानंद पुरी महाराज ने 6 मई की रात उज्जैन के चिमनगंज थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था। उन्होंने पुलिस को बताया था, ‘महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता जोशी ने श्रीपंचायती निरंजनी अखाड़े में महामंडलेश्वर की उपाधि दिलवाने की बात कही थी।

इसके एवज में 15 अप्रैल 2024 को मैंने मंदाकिनी को साढ़े सात लाख रुपए दिए थे। अखाड़ा मुख्यालय में संपर्क किया तो बताया गया कि रुपए लेकर उपाधि नहीं दी जाती। इसके बाद मैंने रकम वापस मांगी। मंदाकिनी ने रुपए देने से मना कर दिया।’ इसके बाद 10 मई को जयपुर के महामंडलेश्वर नर्मदाशंकर ने महाकाल थाने में एफआईआर दर्ज कराई।

उनका कहना है कि मंदाकिनी ने आचार्य महामंडलेश्वर बनाने का झांसा देकर 8 लाख 90 हजार रुपए लिए थे। ये राशि उन्होंने पिछले सात महीने में अलग-अलग किस्तों में ऑनलाइन ट्रांसफर की थी। उन्होंने बताया, मंदाकिनी ने कहा कि अखाड़े में प्रमोशन हो जाएगा लेकिन 10 से 12 लाख रुपए लगेंगे। मैंने उनको बताया कि मैं निजी स्कूल के शिक्षक से संत बना। मेरे पास इतने रुपए नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि जब पैसे आते जाएं, भेजते रहना। मैंने पिछले 7 महीने में 8 लाख 90 हजार रुपए मंदाकिनी के बैंक खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर किए। इस दौरान मंदाकिनी ने दूसरे लोगों के अकाउंट नंबर भी दिए लेकिन मैंने पैसे ट्रांसफर करने से मना कर दिया।’

कीटनाशक पीकर सुसाइड की कोशिश की

उपाधि दिलाने के लिए पैसे लेने का मामला सामने आने के बाद मंदाकिनी को अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने 7 मई की सुबह 11 बजे कीटनाशक पीकर सुसाइड की कोशिश की। वे फिलहाल जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं। वे किसी को पहचान नहीं पा रही हैं, इस कारण पुलिस उनके बयान नहीं ले सकी है।

शाह और नड्डा के नाम का भी दे चुकी झांसा

पूर्व महामंडलेश्वर मंदाकिनी उर्फ ममता जोशी पर एफआईआर के बाद दूसरे लोग भी शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। महामंडलेश्वर सुमन भाई ने कहा है कि मंदाकिनी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से करीबी संबंधों का हवाला देकर ठगी के जाल में फंसाने की कोशिश की थी। शाह से बोलकर राज्यपाल बनाने का लालच दिया था। वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का करीबी बताकर एक अन्य महिला साध्वी को गो संवर्धन बोर्ड का अध्यक्ष बनाने का झांसा भी दिया था।

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