उज्जैन, अग्निपथ। महामंडलेश्वर बनाने का झांसा देकर 2 महंतों के साथ लाखों की धोखाधड़ी करने वाली मंदाकिनीपुरी को महाकाल पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद रिमांड पर लिया था। बुधवार को रिमांड खत्म होने पर उसे न्यायालय में पेश किया गया। जहां से जेल भेजा गया है। मंदाकिनीपुरी के खिलाफ एक मामला चिंतामण थाने भी पहुंचा है, जल्द जांच के बाद उसके खिलाफ एक ओर प्रकरण दर्ज किया जाएगा।
निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर रही मंदाकिनीपुरी ने गौ सेवा आश्रम के महंत सुरेश्वरानंदपुरी को महामंडलेश्वर बनाने का झांसा देकर 7.50 लाख रूपये ले लिये थे। यही नहीं जयपुर के महामंडलेश्वर नर्मदाशंकरपुरी को आचार्य महामंडलेश्वर की उपाधि दिलाने के नाम पर 9 लाख रूपये ठग लिये थे।
6 मई को सुरेश्वरानंदपुरी की शिकायत पर चिमनगंज पुलिस ने मंदाकिनीपुरी और अश्विन चौधरी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। उसके बाद मंदाकिनीपुरी ने जहरीला पदार्थ खा लिया था। मंदाकिनीपुरी को अखाड़ा परिषद ने महामंडलेश्वर के पद से निष्कासित कर दिया गया। इस बीच जयपुर के महामंडलेश्वर ने भी महाकाल थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। मंगलवार को अस्पताल से छुट्टी होने पर महाकाल पुलिस ने मंदाकिनीपुरी को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया था।
एक दिन की रिमांड खत्म होने पर बुधवार को न्यायालय में पेश किया गया। जहां से जेल भेजा गया है। धोखाधड़ी करने वाली मंदाकिनीपुरी के खिलाफ एक मामला चिंतामण गणेश थाने पर पहुंचा है। जहां कथावाचक भगवान बापू ने भी शिकायती आवेदन सौंपकर बताया कि मंदाकिनीपुरी ने 16 लाख रूपये में महामंडलेश्वर बनाने की बात कहीं थी। उसने 1 लाख रूपये भी लिये थे। पुलिस आवदेन पर जांच कर रही है। जल्द एक ओर प्रकरण धोखाधड़ी का दर्ज हो सकता है।