किसानों से अधिकतम वसूली के लिए सरकार ने बढ़ाई ऋण राशि जमा करने की टाइम लिमिट
भोपाल, अग्निपथ। किसानों द्वारा जीरो प्रतिशत ब्याज पर लिए गण ऋण की अधिकतम वसूली के लिए सरकार ने ऋण राशि जमा करने के लिए एक माह की टाइम लिमिट बढ़ाई है। इसकी वजह यह है कि सरकार को पता है कि किसानों को डिफाल्टर घोषित करने से कोई फायदा तो होना नहीं है, इसलिए एक माह का समय देकर किसानो से बकाया ऋण राशि जमा करा ली जाए। उधर खरीदी केंद्रों पर गेहूं की आवक को देखते हुए सरकार समर्थन मूल्य पर खरीदी की समय सीमा 20 मई से आगे बढ़ा सकती है।
दो दिन पहले सहकारिता विभाग द्वारा जारी आदेश में वर्ष 2023 की खरीफ फसल पर अल्पकालीन ऋण लेने वाले किसानों का बकाया जमा करने की अवधि 31 मई 2024 करने के आदेश जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि मंडियों में किसानों के भुगतान में आने वाले तकनीकी दिक्कतों के चलते यह फैसला किया गया है।
31 मार्च को खत्म हुए वित्त वर्ष में फसल ऋण की बकाया राशि जमा पर्याप्त रूप से जमा नहीं होने पर विभाग ने इसकी समय अवधि पहले 30 अप्रेल 2024 तय की थी और अब 31 मई 2024 कर दी गई है। सूत्रों का कहना है कि सरकार को पता है कि किसानों को बकाया ऋण राशि जमा नहीं करने पर डिफाल्टर घोषित करने से कोई फायदा नहीं होना है। इसलिए किसानों को गेहूं, चना, मसूर, सरसों की बिक्री के बाद मंडियों से होने वाली समर्थन मूल्य की राशि से बकाया जमा करने के लिए यह मौका दिया गया है।
दूसरी ओर खाद्य विभाग के अफसरों का कहना है कि गेहूं खरीदी का भुगतान समय पर किसानों को किया जा रहा है। किसानों को गेहूं का भुगतान तो तभी होगा जब उसे खरीदी के लिए दिए गए टाइम स्लाट में गेहूं बेचने का मौका मिलेगा और वह उस तारीख को गेहूं बेच सकेगा। भुगतान में देरी का कोई तकनीकी कारण नहीं है।
मंडियों में रोज आ रहा 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं
प्रदेश की मंडियों और खरीदी केंद्रों में 20 मई तक समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी करने के आदेश मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश शासन ने जारी किए हैं। इसके बाद स्थिति यह है कि अभी भी रोज 50 से 60 हजार मीट्रिक टन तक गेहूं मंडियों में आ रहा है। इसे देखते हुए शासन स्तर पर विचार चल रहा है कि खरीदी की समय सीमा में एक बार और वृद्धि की जाए। माना जा रहा है कि सोमवार तक गेहूं खरीदी की समय सीमा पांच से दस दिन तक बढ़ाने के आदेश जारी किए जा सकते हैं।