रिपोर्ट लिखने के ऐवज में 2 पुलिसकर्मियों ने ली 3 लाख की रिश्वत

आगर विधायक ने कार्यकर्ताओं के साथ दिया धरना, एसपी ने किया सस्पेंड

उज्जैन, अग्निपथ। जमीन खरीदी-ब्रिकी के दौरान हुई धोखाधड़ी के मामले में आगर पुलिस के 2 प्रधान आरक्षको ने शिकायत दर्ज करने के ऐवज में फरियादी से 3 लाख की रिश्वत मांग ली। रिश्वत देने के बाद मामले में आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया। पुलिस द्वारा रिश्वत मांगने का मामला विधायक के पास पहुंचा तो उन्होने पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करने के विरोध में एसपी कार्यालय पहुंचकर धराना दिया। एसपी ने दोनों पुलिसकर्मियों को संस्पेड कर दिया है।

आगर जिले के मालीखेड़ी रोड पर रहने वाले नरेन्द्रसिंह पिता खुमानसिंह ठाकुर और हंसा पिता गिरीराज बंसिया निवासी पालरोड मास्टर कालोनी के साथ 2 माह पूर्व जमीन खरीदी ब्रिकी के दौरान एजाज पिता रहमान खान निवासी नरसिंह मंदिर रातोडिया तालाब के पास आगर ने धोखाधड़ी कर दी थी। नरेन्द्रसिंह और हंसा बंसिया ने मामले की शिकायत आवेदन के माध्यम से पुलिस को दर्ज कराई। लेकिन पुलिस एजाज के खिलाफ जांच के बाद भी प्रकरण दर्ज नहीं कर रही थी।

फरियादी ने अपने शिकायत दर्ज कराने का दबाव बनाया तो उससे प्रधान आरक्षक राधेश्याम कारपेंटर और नरेन्द्रसिंह भाटी ने 3 लाख की रिश्वत मांगी। इस बीच एजाज दोनों शिकायतकर्ताओं को धमकता रहा कि पुलिस मेरा कुछ बिगाड़ नही सकती है। फरियादी ने भी हार नहीं मानी और दोनों पुलिसकर्मियों को 3 लाख की रिश्वत देकर मामले में प्रकरण दर्ज करा दिया।

विधायक मधु गेहलोत से की शिकायत

प्रकरण दर्ज होने के बाद उसने मामले की शिकायत विधायक मधु गेहलोत से की और बताया कि पुलिस ने 3 लाख की रिश्वत लेकर प्रकरण दर्ज किया है। विधायक गेहलोत अपने समर्थकों के साथ एसपी कार्यालय पहुंच गये। उन्होने पुलिसकर्मियों से रिश्वत में लिये रूपये लौटाने की मांग की। एसपी ने जांच का आश्वासन दिया, लेकिन विधायक धरना देकर बैठ गये और रूपये लेकर ही जाने की बात कहीं।

एसपी ने तत्काल प्रभाव से दोनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने के आदेश जारी कर जांच की बात कहीं और रूपये दिलाने का आश्वासन दिया। पुलिसकर्मियों के द्वारा रिश्वत लिये जाने और प्रकरण दर्ज करने की खबर आगरवासियों को लगी तो वह भी सामने आ गये। उन्होने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये और बताया कि कुछ दिन पहले एक मामले में मादक पदार्थ पकड़ा गया था। पुलिस ने उसमें सात लाख रूपये लेकर तस्करों को छोड़ा।

यही नहीं चैकिंग के नाम 40 हजार रूपये भी पुलिस ने वसूले है। लोगों ने यह भी बताया कि एजाज से पुलिस की मिलीभगत है। उसके साथ मिले पुलिसकर्मी किसी के खिलाफ भी झूठा प्रकरण दर्ज कर लेते है। वहीं आवेदन होना बताकर रूपयों की मांग करते है। पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार ने सभी मामलों में जांच का आश्वासन दिया है।

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