उज्जैन, अग्निपथ। बारात के दौरान तेज आवाज में बज रहे डीजे को बंद कराने पहुंचे आरक्षक के साथ बरातियों ने मारपीट कर दी। आरक्षक की शिकायत पर पुलिस ने शासकीय कार्य में बाधा का प्रकरण दर्ज किया है।
घट्टिया थाना पुलिस ने बताया कि पानबिहार में रहने वाला आरक्षक शैलेन्द्र धाकड़ शुक्रवार रात को ड्युटी पर था। तभी क्षेत्र से निकल रही बारात में तेज आवाज से बज रहे डीजे को देखे वह आवाज कम कराने पहुंचा था। बारात में नाच रहे युवको को लगा कि पुलिस डीजे बंद कराने पहुंची है। उन्होने आरक्षक के साथ गाली-गलौच करते हुए मारपीट शुरू कर दी।
कुछ लोगों ने पुलिसकर्मी के साथ मारपीट होती देख बीच बचाव किया और थाने पर सूचना दी। पुलिस के पहुंचने पर मारपीट करने वाले भाग निकले थे। आरक्षक को चोंट लगी थी। जिसकी शिकायत पर मामले में शासकीय कार्य में बाधा डालने का प्रकरण दर्ज किया गया। पुलिस के अनुसार बारात मोंगिया समाज की थी और माकडोन से आई थी। बारात में शामिल लोगों से पूछताछ कर मारपीट करने वालों की तलाश की जा रही है।
निजी कंपनी के हाथों में आने के बाद इंदौर-उज्जैन टोल नाके पर विवाद बढ़े
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन-इंदौर टोल पर मारपीट और विवाद का नया मामला सामने आया है। अब टोल कर्मचारियों पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की गई। पूरी घटना टोल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। वीडियो में दिख रहा है कि टोल कर्मचारियों को ड्राइवर धमका रहे हैं। टोल टैक्स नहीं देने का भी दावा कर रहे हैं।
टोल वसूली का टेंडर निजी कंपनी को मिलने के बाद कुछ वाहन मालिकों ने टोल सुपरवाइजर को नंबर सहित वाहनों की लिस्ट सौंप दी है। कहा है कि इन गाडिय़ों को टोल-फ्री ही रखें। तब यह लिस्ट थाने में देते हुए शिकायत की गई थी लेकिन कार्रवाई नहीं हुई थी। ताजा मामले में भी पुलिस को सीसीटीवी फुटेज सौंपे गए हैं। बाणगंगा टीआई लोकेश भदौरिया का कहना है कि पहले भी हमने थाने बुलवाकर कार्रवाई की थी। कर्मचारियों को कहा है वो एफआईआर दर्ज कराएं। अभी शिकायत आई है कार्रवाई कर रहे हैं।
बारोली स्थित इंदौर-उज्जैन टोल का जिम्मा पहले एमपीआरडीसी (मप्र रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) के पास था। मुफ्तखोरी के चलते कॉर्पोरेशन को नुकसान हो रहा था। यहां हर महीने टोल नहीं देने के चलते लाखों रुपए का नुकसान झेलना पड़ता था।
1 मार्च 2024 को मुंबई की निजी कंपनी को टोल का ठेका सौंपा गया। टोल कर्मचारियों द्वारा टैक्स वसूली में सख्ती दिखाने के बाद से यहां विवाद की स्थितियां बन रही हैं। 4 मई को यहां सुपरवाइजर दीपक दिघे से मारपीट की गई। तब तीन लोगो पर केस दर्ज हुआ था।
इस टोल के निजी हाथों में जाने के बाद कथित दबंग लोगों ने 85 कॉमर्शियल वाहनों की लिस्ट सुपरवाइजर को दी। कहा कि हमारी इन गाडियों को टैक्स फ्री रखो। टोल कंपनी ने इससे इनकार कर दिया। कंपनी की तरफ से वाहनों की लिस्ट सहित एक शिकायती आवेदन बाणगंगा थाने में देकर कार्रवाई की मांग की गई। अब तक एक्शन नहीं हुआ है। पुलिस को शिकायत के बाद से यहां कर्मचारियों के साथ अभद्रता और बदसलूकी की घटनाएं हो रही हैं।
कॉमर्शियल वाहनों के ड्राइवर कर्मचारियों को धमका कर गाड़ी निकाल रहे हैं। अब यहां पर टोल कर्मचारियों पर बिना टोल दिए गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की गई। जिसमें सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं। उक्त फुटेज पुलिस को भी सौंपे गए हैं। वही कंपनी के कर्मचारियों ने टोल नहीं देने वाले वाहन ड्राइवर के वीडियो भी बनाए हैं जो धमकी देकर गाड़ी मालिक और कंपनी का नाम बताकर टोल देने से इनकार रहे हैं।