उज्जैन का युवक मास्टर माइंड, देवास-पश्चिम बंगाल के आरोपी हिरासत में
उज्जैन, अग्निपथ। फर्जी तरीके से सिम को एक्टिवेट कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वालों को बेचने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। गिरोह के तीन सदस्य पश्चिम बंगाल के रहने वाले है। गिरोह का मुख्य आरोपी उज्जैन का निवासी है। जो देवास के खातेगांव में रहने वाले युवक के साथ सिम एक्टिवेट का काम करता था।
एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि नानाखेड़ा थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि उज्जैन के न्यू इंदिरानगर में रहने वाला अक्षय पिता अजय तिरवार और सादिक पिता अली शेर निवासी कन्नौद देवास फर्जी सिम एक्टिवेट कर ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वालो को बेचने का काम करते है। दोनों तारामंडल के पास पहुंचने वाले है। जहां पश्चिम बंगाल के 3 युवक शेख महिबुल, बाबन खान और साजन खान सिम लेने के लिये आने वाले है।
पुलिस सभी को पकडऩे के लिये घेराबंदी की। पांचों के एक साथ एकत्रित होने पर पुलिस ने दबिश मारी और हिरासत में लिया। उनके पास से 13 सिम एयरटेल कंपनी की बरामद हो गई। थाने लाकर पूछताछ करने पर 43 अनएक्टिवेट सिम भी बरामद की गई। अक्षय तिरवार ने बताया कि वह सिम नागदा के रहने वाले मोंटी नाम के युवक से लेकर आता था। सिम साजिद खान को देता था। जो फर्जी तरीके से सिम को एक्टिवेट कर लेता था। जिसे ऑनलाइन ठगी करने वालों को बेच दिया जाता था।
एसपी शर्मा ने बताया कि पांचों को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया गया है। मोंटी की तलाश में एक टीम नागदा भेजी गई है।
साजिद के पास सिम पोर्ट करने की आईडी
नानाखेड़ा सीएसपी श्वेता गुप्ता ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों से सामने आया कि साजिद मोबाइल सिम पोर्ट करने का काम करता था। उसने पोर्ट करने के लिये आईडी ले रखी है। उसके पास सिम लेने और पोर्ट कराने के लिये लोग आते थे। उसी दौरान वह धोखे से उनके दस्तावेज लेकर फर्जी सिम एक्टिवेट कर लेता था। रिमांड के दौरान पूछताछ में कई राज सामने आ सकते है।