एसडीएम और सीएमएचओ ने सील करवाया, एग्जाम दे सकेंगे विद्यार्थी
उज्जैन, अग्निपथ। नर्सिंग कॉलेज घोटाले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश के 66 अनफिट नर्सिंग कॉलेजों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश प्रदान किये थे। जिसके चलते उज्जैन के एक नर्सिंग कॉलेज को मंगलवार को सील कर दिया गया। सेठी नगर के पास संचालित होने वाले जेके नर्सिंग कालेज को प्रशासन ने अनफिट मानकर कार्रवाई की है।
31 जिलों में 66 नर्सिंग कॉलेजों को अनफिट मान लिया गया है। इंदौर सहित कई जिलों में नर्सिंग कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। कमिश्नर, मेडिकल एजुकेशन ने कलेक्टर्स को सूची दी थी और कहा था कि हाईकोर्ट के आदेश अनुसार करें कार्रवाई। इसको अमली जामा पहनाने के लिये मंगलवार को उज्जैन जिला प्रशासन के एसडीएम और सीएमएचओ ने जेके नर्सिंग कॉलेज को सील करने की कार्रवाई की।
सीएमएचओ अशोक पटेल ने बताया कि कलेक्टर का आदेश प्राप्त हुआ था, इसको लेकर कार्रवाई की गई है। कालेज में तीनों वर्ष के 125 विद्यार्थी हैं। कॉलेज को सील किया है लेकिन एग्जाम पर रोक नहीं लगाई गई है। जिन विद्यार्थियों की प्रेक्टिल एग्जाम हैं, उन्हें नहीं रोका जाएगा।
लेकिन कोर्ट के अगले आदेश तक कॉलेज को बंद किया गया है। जानकारी के मुताबिक कॉलेज में नियमों के हिसाब से बिल्डिंग नहीं बनी है। एक ही जगह पर स्कूल और कॉलेज दोनों चल रहे थे। इसके अलावा कई खामियां मिली हंै जिसके आधार पर कोर्ट ने सील करने के आदेश दिए है।
पुराने छात्र इस बार परीक्षा में शामिल हो सकेंगे
एसडीएम एलएन गर्ग ने बताया कि सील किए गए कॉलेजों से हमने छात्रों की सूची भी ली है, ताकि उन्हें परीक्षा देने में किसी तरह की परेशानी न आए। हाई कोर्ट ने कहा है कि छात्रों का अहित न हो और वे परीक्षा में शामिल हो सकें। हालांकि इसका लाभ सिर्फ एक ही बार छात्रों को मिलेगा।
नर्सिग कालेज संचालित करने के लिए ये जरुरी
- 1600 की क्षमता का सेमिनार हॉल होना चाहिए।
- लाइब्रेरी 1800 वर्ग फीट की होनी चाहिए।
- क्लास रूम 800 वर्ग फीट के होने चाहिए।
- 9 लेबोरेट्री होना चाहिए।