उज्जैन, अग्निपथ। किर्गिस्तान में फंसे उज्जैन के चार छात्र लौट आए हैं। छात्रों ने जो बताया, वो भयावह है। छात्रों का कहना है कि 9 दिन उन्हें क्वारंटाइन में गुजारना पड़े। हॉस्टल से बाहर झांकने तक की परमिशन नहीं थी। रूम की लाइट बंद रखना पड़ती थी।
किर्गिस्तान से रवि सराठे, विवेक शर्मा, रोहित पांचाल, योगेश चौधरी 24 जून को उज्जैन लौटे हैं। रवि ने बताया, इंडिया के लिए फ्लाइट किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक से मिलना थी, लेकिन वहां माहौल सबसे ज्यादा खराब था। बिश्केक जाने से सभी ने साफ मना कर दिया। इसके बाद वे बस से पास के देश कजाकिस्तान गये, वहां से अबू धाबी (यूएई), फिर इंडिया आया।
रवि का कहना है कि अब जब तक किर्गिस्तान की कंडीशन सही नहीं हो जाती, तब तक वापस लौटना मुश्किल है। हालांकि, यूनिवर्सिटी की ओर से ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। रवि किर्गिस्तान के कांट शहर में रहकर एमबीबीएस कर रहे थे। उनका थर्ड ईयर है। रवि के मुताबिक, जिस हॉस्टल में वह ठहरे थे, वहां 1500 भारतीय छात्र हैं। कॉलेज में भारी सुरक्षा के बावजूद हमले का डर लगा रहता था, इसीलिए जल्द से जल्द घर लौटना चाहते थे। सीएम डॉ. मोहन यादव ने हम लोगों से बात कर हिम्मत दी। परीक्षा के बाद वापसी के इंतजाम का कहा था, लेकिन हालात ज्यादा बिगड़े तो हमने निकलने का सोचा।
मिस्र के छात्रों से लड़ाई के बाद निशाने पर विदेशी स्टूडेंट्स
किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक और आसपास के इलाकों में भारतीय, पाकिस्तानी और बांग्लादेशी स्टूडेंट्स को खासतौर पर निशाना बनाया जा रहा है। भारत से कई स्टूडेंट्स मेडिकल की पढ़ाई के लिए किर्गिस्तान में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिश्केक में 13 मई को मिस्र और किर्गिज छात्रों के बीच झगड़ा हुआ था। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद स्थानीय किर्गिज छात्रों ने भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेशी छात्रों को निशाने पर ले लिया।