महिला संबंधी अपराधों सहित अन्य गंभीर अपराधों में भी उज्जैन पुलिस करवा रही जमानत निरस्त
उज्जैन, अग्निपथ। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के मंशानुरूप उज्जैन पुलिस प्रशासन द्वारा न केवल प्रभावी ढंग से महिला संबंधी अपराधों सहित अन्य गंभीर अपराधों में सख्त कार्रवाई की जा रही हैं बल्कि ऐसे आरोपी जो जमानत पर बाहर घूम रहे है उनकी जमानत निरस्त करने की कार्रवाई भी की जा रही हैं।
महिला संबंधी अपराध में जमानत निरस्त करने की प्रदेश में पहली कार्रवाई के पश्चात अब पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा के नेतृत्व में डरा धमकाकर वसूली करने के प्रकरण में जमानत निरस्त करने की कार्यवाही को घट्टिया थाना पुलिस द्वारा अंजाम दिया गया हैं। धारा 386 के तहत थाना घट्टिया में दर्ज प्रकरण में आरोपी लाखन यादव उर्फ लखन की जमानत तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश पवन कुमार पटेल द्वारा निरस्त करते हुए आरोपी को विचारण न्यायालय में तत्काल समर्पण करने के आदेश दिए दिए हैं।
गौरतलब है कि आरक्षी केंद्र घट्टिया में दर्ज प्रकरण में आरोपी लाखन यादव उर्फ लखन पिता मांगीलाल मालवीय को अपर सत्र न्यायालय के जमानत आवेदन धारा 386 भा.दं.सं में अपराध नहीं करने की शर्त पर जमानत पर छोड़ा गया था। जिसके बाद आरोपी लखन यादव द्वारा 25 दिसंबर को फरियादी विष्णु बैरागी को पेशी पर अपने बयान बदल कर राजीनामा करने के लिए दबाव बनाया, जिस पर फरियादी द्वारा मना करने पर आरोपी ने गालियां दी व जान से मारने की धमकी दी गई।
थाना घट्टिया पर अपराध क्रमांक 501/23 धारा 195-ए, 294, 506 भा.दं.सं का कायम कर विवेचना में लिया गया। जिस पर आरोपी लखन यादव द्वारा जमानत शर्त का उल्लंघन करने के कारण पुलिस अधीक्षक श्री शर्मा के निर्देशन में थाना प्रभारी घटिटया द्वारा जमानत आवेदन निरस्त करने का निवेदन किया गया।
आरोपी लखन यादव उर्फ लखन पिता मांगीलाल मालवीय ने माननीय न्यायालय से सशर्त जमानत प्राप्त करने के पश्चात अभियुक्त के विरूद्ध कमश: थाना घटिटया, उज्जैन एवं थाना झार्डा, जिला उज्जैन में भा.दं.सं के तहत अपराध दर्ज होकर बाद अन्वेषण अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र पेश किया गया है इसके अतिरिक्त अन्य मामलों में प्रतिबंधात्मक कार्यवाही भी की गई है। यह महत्वपूर्ण रूप से उल्लेखनीय है कि थाना घटिटया में जो अपराध दर्ज किया गया है।
उसमें आरोपी द्वारा जिस मामले में जमानत प्राप्त की गई थी उसी मामले से संबंधित फरियादी को राजीनामा करने के लिए धमकाया गया है। इस प्रकार स्पष्ट है कि न केवल आरोपी द्वारा उसे प्राप्त जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया गया है अपितु जमानत पर रहने के दौरान आरोपी लगातार आपराधिक गतिविधियों में शामिल भी रहा है, जो कि उसे दी गई जमानत की शर्तों का प्रत्यक्ष उल्लंघन है।
जिसके फलस्वरूप न्यायालय तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश उज्जैन द्वारा आरोपी लाखन यादव की जमानत रद्द की गई है। न्यायलय द्वारा आरोपी को निर्देशित किया गया है कि वह तत्काल विचारण न्यायालय के समक्ष समर्पण करे और यदि उसके द्वारा समर्पण नहीं किया जाता है तो विचारण न्यायालय आरोपी के जमानत मुचलके जप्त करने और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए स्वतंत्र होगा।