उज्जैन में साथी चालकों ने चामुंडा माता चौराहे पर डेरा डाला, जिला अस्पताल में नारेबाजी
उज्जैन, अग्निपथ। बार-बार चालान होने पर ई-रिक्शा के ड्राइवर ने खुदकुशी की कोशिश की। जहर खाने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना से नाराज साथी ड्राइवरों ने अस्पताल के निकट चामुंडा माता चौराहे पर चक्काजाम कर दिया। 500 से ज्यादा ई-रिक्शा ड्राइवर जिला अस्पताल में जमा हो गए। यहां भी नारेबाजी की। आरटीओ और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। तराना से कांग्रेस विधायक महेश परमार भी पहुंचे।
दरअसल, शहर में करीब 6000 ई-रिक्शा हैं। सडक़ों पर यातायात के दबाव को देखते हुए प्रशासन ने शहर में दो शिफ्टों में इन्हें चलाने का प्लान बनाया है। शहर को महाकाल जोन और महाकाल जोन से बाहर के रास्तों में बांटा गया है। ई-रिक्शा ड्राइवर इस व्यवस्था से नाराज हैं।
ड्राइवर बोला- रूट तय होने पर कमाई नहीं हो रही
मंगलवार सुबह शुभम उर्फ चिंटू बोरासी ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की। उसका कहना है कि रूट तय होने के बाद कमाई नहीं हो रही। दिन भर काम करने के बाद 200 रु. घर ले जा पाता हूं। तीन दिन से पुलिस चालान बना रही है। साथी ड्राइवर की खबर सुनकर ई-रिक्शा चालक अस्पताल के सामने जमा हो गए। आंदोलन को लीड कर रहे बल्लू सिंह ठाकुर ने बताया कि प्रशासन को रूट व्यवस्था खत्म कर 10-10 घंटे ई-रिक्शा संचालन की अनुमति देना चाहिए। आरटीओ संतोष मालवीय ने भी मौके पर पहुंचकर चर्चा की और समस्या का हल निकालने का कहा।