महाकाल मंदिर में रोज रात में बन रही है विवाद की स्थिति
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में सुरक्षा अधिकारियो के मनमानी पूर्ण निर्णय के कारण रोज रात को प्रवेश द्वार पर विवाद की स्थिति बन रही है। मंदिर में आम दर्शनार्थियों का प्रवेश 10 बजे तक रहता है लेकिन सुरक्षा अधिकारियों के निर्देश पर सुरक्षा कर्मचारी 9 बजे ही गेट बंद कर देते हैं। ऐसे मेें प्रवेश से वंचित दर्शनार्थी गेट पर विवाद करते हैं।
श्री महाकालेश्वर मंदिर की शयन आरती रात साढ़े दस बजे शुरू होती है। इस कारण मंदिर में आम दर्शनार्थियों का प्रवेश रात 10 बजे से बंद करना तय किया गया है। लेकिन सुरक्षा अमला इसके भी एक कदम आगे है। रात 10 की जगह 9 बजे से ही गेट बंद होने की तैयारी शुरू हो जाती है और सवा नौ बजे तक तो अघोषित रूप से लोगों का प्रवेश बंद कर साढ़े नौ बजे तक तो गेट बंद कर दिये जाते हैं।
चार नंबर गेट 9 बजे ही हो जाता है बंद
खासकर चार नंबर गेट की ओर से प्रवेश तो नौ बजे ही बंद कर दिया जाता है। जबकि मानसरोवर से आम दर्शनार्थियों का प्रवेश द्वार साढ़े नौ बजे बंद होता है। लेकिन मानसरोवर तक पहुंचने वाले मार्गों पर नौ बजे से ही लोगों को अंदर जाने से रोकना शुरू कर दिया जाता है। इस कारण विवाद की स्थिति बनती है। जो दर्शनार्थी नौ बजे बाद प्रवेश द्वार पर रोक लिये जाते हैं। वे सुरक्षा कर्मचारियों से विवाद करते हैं। पिछले दिनों निर्माल्य द्वार पर इसी वजह से सुरक्षा कर्मियों और दर्शनार्थियों में मारपीट की स्थिति बनी थी।
अवंतिका द्वार पर बढ़ता है दर्शनार्थियों का दबाव
अवंतिका द्वार पर भी साढ़े नौ बजे बाद प्रवेश बंद कर दिया जाता है। चूंकि यहां से शीघ्रदर्शन रसीद वाले यात्री भी प्रवेश करते हैं इस कारण इसे पूरी तरह बंद नहीं कर पाते हैं। सूत्रों के मुताबिक मंदिर समिति ने तो प्रवेश रात 10 बजे ही बंद करने का तय किया है और इसके लिय बकायदा प्रवेश द्वार पर बोर्ड भी लगाये गये हैं, लेकिन सुरक्षा अधिकारी बीच में ही बायरलेस सेट पर गेट बंद करने का मैसेज डाल देते हैं। इसी बीच दस बजे से सुरक्षा गार्डों की शिफ्ट भी बदलती है। इस कारण सुरक्षा कर्मचारी भी तुरंत गेट बंद अपने काम का इतिश्री कर अगले गार्ड को चार्ज देने में तैयारी में लग जाते हैं।
शयन आरती के लिए प्रोटोकाल दर्शनार्थी तो और देर से आते हैं, उन्हें अंदर जाता देख दूसरे करते हैं विवाद
सूत्रों के मुताबिक प्रोटोकाल दर्शनार्थी तो अकसर दस बजे के बाद ही मंदिर पहुंचते हैं। अधिकतर प्रोटोकाल दर्शनार्थी शयन आरती में शामिल होने की कामना रखते हैं और इस कारण वे दस बजे बाद ही प्रवेश द्वारों पर पहुंचते हैं। चूंकि प्रोटोकाल से आये दर्शनार्थी को सुरक्षा कर्मी प्रवेश देने से रोक नहीं पाते। उन्हें प्रवेश मिलता देख अन्य दर्शनार्थी हंगामा करने लगते हैं और इस कारण लगभग रोज की रात को प्रवेश द्वारों और खासकर निर्माल्य द्वार और अवंतिका द्वार पर विवाद की स्थिति बनती है।
मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि प्रवेश बंद करने का समय रात 10 बजे ही तय है क्योंकि उसके बाद शयन आरती की तैयारी शुरू हो जाती है। जल्दी गेट बंद करने का निर्णय कौन लेता है, उसकी जानकारी नहीं है।