इंदौर स्टेशन पर धड़, ऋषिकेश में मिले थे हाथ-पैर
उज्जैन, अग्निपथ। इंदौर में महू-नागदा पैसेंजर, इसके बाद ऋषिकेश में योग नगरी-ऋषिकेश एक्सप्रेस ट्रेन में 6 टुकड़ों में कटे मिले महिला के शव की मिस्ट्री में उज्जैन भी इनवॉल्व हो गया है। ये दोनों ट्रेनें एक ही समय में उज्जैन रेलवे स्टेशन पर ठहरी थीं। पुलिस को अब तक की जांच में आशंका है कि ट्रेनों में शव उज्जैन रेलवे स्टेशन पर ही रखे गए। गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने उज्जैन में भी कई जगह महिला की पहचान के लिए पोस्टर लगाए हैं। जानकारी देने वाले को 10 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा की है।
उल्लेखनीय है कि 8 जून की रात इंदौर रेलवे स्टेशन के यार्ड में सफाई के दौरान महू-नागदा पैसेंजर ट्रेन की एक बोगी में सीट के नीचे महिला की दो हिस्सों में कटी लाश मिली थी। एक ट्रॉली बैग में महिला के धड़ का ऊपरी हिस्सा था, हाथ नहीं थे। एक बोरी में धड़ के नीचे का हिस्सा मिला था, इसमें घुटने के नीचे का हिस्सा नहीं था।
9 जून की शाम ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर योगनगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस के एस-1 और एस-2 की कपलिंग के बीच आटे की बोरी में दो हाथ दो पैर मिले थे। यह ट्रेन 8 जून की दोपहर 3.15 बजे लक्ष्मीबाई नगर (इंदौर) रेलवे स्टेशन से दूसरे दिन रविवार शाम ऋषिकेश पहुंची थी।
एक से ज्यादा हो सकते हैं आरोपी
जीआरपी का यह भी मानना है कि इस घटनाक्रम में एक से ज्यादा आरोपी भी हो सकते हैं, क्योंकि जो ट्रॉली बैग है, उसमें हैंडल नहीं था। ऐसे में एक व्यक्ति इसे आसानी से नहीं उठा सकता। जिस समय नागदा-पैसेंजर, ऋषिकेश एक्सप्रेस खड़ी थीं। उस समय प्लेटफार्म नंबर 4 पर भोपाल – दाहोद भी खड़ी थी। आशंका है कि आरोपी इसी ट्रेन से भाग गए। जीआरपी यह भी शक जता रही है कि आरोपी नागदा से महू जाने वाली ट्रेन में उज्जैन के पहले कहीं से बैठा होगा। फिर उसने उज्जैन स्टेशन पर उतरकर ऋषिकेश वाली ट्रेन में एक बोरी रख दी होगी। इसके बाद भोपाल-दाहोद ट्रेन में बैठकर नागदा की तरफ चला गया।
रिनोवेशन की वजह से सीसीटीवी फुटेज नहीं मिले
बुधवार को जीआरपी इंदौर से आए दल ने उज्जैन रेवले स्टेशन पर जांच की थी। कुछ कैमरे बंद थे और उज्जैन के स्टेशन से आने-जाने वाले गेट पर संदिग्ध नहीं दिखा। दरअसल, उज्जैन स्टेशन का रिनोवेशन चल रहा है। प्लेटफार्म 2 और 3 के कैमरे भी बदले जा रहे हैं। इस वजह से कई जगह के सीसीटीवी फुटेज पुलिस को नहीं मिल पाए।
गुजरात की हो सकती है महिला
ऋषिकेश में मिले हाथ पर हिंदी में मीराबेन और गोपालभाई गुदा हुआ है। जीआरपी का मानना है कि महिला गुजरात की रहने वाली हो सकती है। वह मजदूर परिवार की लग रही है। गुजरात में भी उसकी पहचान के लिए पोस्टर लगवाए गए हैं।
जिस आटे की बोरी में धड़ मिला, वो उज्जैन का ब्रांड
8 जून को नागदा (उज्जैन) से महू (इंदौर) के लिए रवाना हुई पैसेंजर ट्रेन शाम 5.15 से 5.30 बजे तक उज्जैन स्टेशन पर थी। इसी दौरान लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन से ऋषिकेश के लिए रवाना हुई योगनगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस 4.55 से 5.20 तक उज्जैन स्टेशन पर थी। दोनों ट्रेनें प्लेटफार्म नंबर 2 और 3 पर थीं। जीआरपी को इसी आधार पर शक है कि शव के हिस्सों को अलग-अलग बैग और बोरियों में भरकर उज्जैन रेलवे स्टेशन से इन दोनों ट्रेनों में रखा गया होगा। इंदौर में जिस बोरी में शव के टुकड़े मिले, वो आटे की थी, उसका ब्रांड उज्जैन का है।